महिला डॉक्टर भी शामिल, सभी सरकारी चिकित्सकों को न जोड़ने पर उठे सवाल
लखनऊ,संवाददाता : राजधानी लखनऊ में पोस्टमार्टम प्रक्रिया को समयबद्ध और व्यवस्थित करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने गुरुवार को 144 डॉक्टरों की सूची जारी की है। इस सूची में महिला डॉक्टरों को भी शामिल किया गया है। हालांकि सूची जारी होने के तुरंत बाद इसका विरोध शुरू हो गया है। विरोध करने वाले चिकित्सकों का आरोप है कि सभी सरकारी डॉक्टरों को इसमें शामिल नहीं किया गया, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
सीएमओ डॉ. एन. बी. सिंह के अनुसार, 60 वर्ष से कम आयु के सभी चिकित्सकों को पोस्टमार्टम ड्यूटी में शामिल किया गया है। यह ड्यूटी 15 फरवरी तक निर्धारित की गई है। सीएमओ, अपर सीएमओ और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को इस सूची से बाहर रखा गया है।
डॉ. सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी चिकित्सक को ड्यूटी के दौरान बीमारी या किसी तकनीकी कारण से अवकाश की आवश्यकता होती है, तो संबंधित अस्पताल के प्रभारी को वैकल्पिक डॉक्टर भेजने की जिम्मेदारी निभानी होगी।
ज्ञात हो कि राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, चार घंटे के भीतर पोस्टमार्टम पूरा कर शव परिजनों को सौंपना अनिवार्य है। इसी निर्देश के तहत सभी जिलों में सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों को पोस्टमार्टम ड्यूटी में शामिल किया जाना था। लखनऊ में सभी डॉक्टरों को शामिल न किए जाने पर उठे विरोध के बाद एक केंद्रीय सूची तैयार की गई है। यह नई व्यवस्था प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू की जानी है, जिसकी शुरुआत राजधानी लखनऊ से की गई है।























