अधिकारीओं के जरिए व्यापारियों पर दबाव बना रही सरकार -अखिलेश
लखनऊ, संवाददाता : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वाराणसी के दालमंडी क्षेत्र में चौड़ीकरण के नाम पर हो रही ध्वस्तीकरण कार्रवाई को भाजपा का “पॉलिटिकल डिमोलेशन” बताया है। उन्होंने कहा कि जब लोग तैयार ही नहीं हैं, तो उनकी दुकानें कैसे छीनी जा सकती हैं। “दुकान दे दोगे, मगर ग्राहक कैसे दोगे? दालमंडी एक दिन में नहीं बनी। एक दुकान जमाने में ज़माना लग जाता है।”
लोग डर के माहौल में नहीं कर पा रहे कारोबार
शुक्रवार को सपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने ऐसा माहौल बना दिया है कि लोग खुलकर व्यापार तक नहीं कर पा रहे। उन्होंने कहा— “इनकी नीति है कि लोगों को इतना डरा दो कि वो अपनी बात न कह सकें। हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है।” अखिलेश के अनुसार दालमंडी का प्रस्तावित चौड़ीकरण संकीर्ण सोच और राजनीतिक साज़िश है। उन्होंने कहा कि दालमंडी सिर्फ बाज़ार नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और विरासत मूल्य वाला क्षेत्र है, जहाँ पीढ़ियों से व्यापार चलता आया है।
यह हेरिटेज संरक्षण नहीं, राजनीतिक बदले की भावना
सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा जिस योजना को लागू कर रही है, वह “हेरिटेज संरक्षण नहीं, राजनीतिक बदले का परिणाम” है। उन्होंने दावा किया— “भाजपा वहां से लगातार हारती आई है, इसलिए यह कार्रवाई हो रही है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अधिकारीओं के जरिए व्यापारियों पर दबाव बना रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि— “महराजगंज में जिस तरह डिमॉलिशन हुआ, समय आने पर उसकी वसूली अधिकारियों से कराई जाएगी।”
सपा व्यापारियों के साथ—“भाजपा संकीर्ण राजनीति कर रही है”
अखिलेश यादव ने कहा कि सपा दालमंडी के व्यापारियों के साथ खड़ी है और भाजपा का “चौड़ीकरण” वास्तव में “संकीर्ण राजनीति” है। उन्होंने कहा— “भाजपा दालमंडी वालों को दाल की तरह दले नहीं। ये सरकार जाने वाली है।” उन्होंने मेरठ में व्यापारियों को मिले ध्वस्तीकरण के “रिटर्न गिफ्ट” पर भी सरकार पर निशाना साधा।
“सरकार ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है”
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है और जिस प्रकार लखनऊ में मॉल बेचा गया, उसी तरह दालमंडी के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जितनी भी मेट्रो चल रही हैं, वे सपा सरकार की देन हैं। “बनारस में मेट्रो चलाने के लिए हमारी सरकार ने 50 करोड़ दिए थे। अगर सपा की सरकार होती तो आज बनारस में मेट्रो चल रही होती। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार वाराणसी को क्योटो की तरह विकसित कर रही थी— “क्योटो जापान की ऐतिहासिक सिटी है। यह पॉलिटिकल डिमोलेशन रुकना चाहिए।”
लखनऊ–अकबरनगर ध्वस्तीकरण पर भी टिप्पणी
अखिलेश ने कहा कि लखनऊ में पूरा अकबरनगर ध्वस्त कर दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया— “कहीं नाले पर रिवर फ्रंट बनता है क्या?” उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपने लोगों को तो मुआवजा देती है, लेकिन दूसरों को नहीं। इस दौरान वाराणसी से आए कई व्यापारियों ने भी मीडिया के सामने अपनी बात रखी।
























