अपने पिता लालू प्रसाद को गुर्दा दान के बाद से चर्चा में थी रोहिणी आचार्य
पटना, संवाददाता : बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को मिली भारी हार के अगले ही दिन पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से दूरी बनाने की घोषणा कर राजनीतिक गलियारों में सनसनी मचा दी। एमबीबीएस डिग्री धारक रोहिणी लंबे समय से सिंगापुर में अपने पति के साथ रह रही हैं।
एक्स पर पोस्ट के जरिए किया चौंकाने वाला ऐलान
शनिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए रोहिणी ने लिखा—“मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं… संजय यादव और रमीज़ ने मुझसे यही करने को कहा था… और मैं पूरा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।” हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि संजय यादव और रमीज़ ने किस संदर्भ में उनसे ऐसा कहा था। इस पर दोनों की ओर से कोई आधिकारिक बयान भी सामने नहीं आया है। संजय यादव राजद के राज्यसभा सदस्य और तेजस्वी यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। वहीं रमीज़, तेजस्वी के पुराने मित्र बताए जाते हैं और उत्तर प्रदेश के एक राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं।
पूर्व में कर चुकी हैं सारण से चुनाव
रोहिणी आचार्य कुछ वर्ष पहले अपने पिता लालू प्रसाद को गुर्दा दान करने के बाद चर्चा में आई थीं। उन्होंने पिछले वर्ष सारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यह भी चर्चाएँ थीं कि वह तेज प्रताप यादव के पार्टी से निष्कासन से नाराज़ थीं, हालांकि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान वह तेजस्वी यादव के समर्थन में दिखीं।
राजद की बुरी हार, एनडीए का ‘200 पार’ प्रदर्शन
इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद की सीटें 75 से घटकर 24 रह गईं। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने महागठबंधन को शिकस्त देते हुए एक बार फिर सत्ता कायम रखी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता इस जीत के बाद और मजबूत मानी जा रही है। राजग की जीत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके प्रमुख घटक भाजपा और जदयू ने अपनी-अपनी 101 सीटों पर लगभग 85% सफलता दर दर्ज की। गठबंधन ने 243 सदस्यीय विधानसभा में 200 से अधिक सीटें हासिल कर तीन-चौथाई बहुमत प्राप्त किया, जिसमें भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।






















