चंद्रयान-3 मिशन के बजट से भी ज्यादा कमाई
नई दिल्ली, संवाददाता : केंद्र सरकार के स्वच्छता अभियान (2 से 31 अक्टूबर) के तहत सरकारी दफ्तरों में बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाया गया। इस दौरान अनुपयोगी और पुराने सामानों को नीलाम कर सरकार ने 800 करोड़ रुपये की कमाई की — जो चंद्रयान-3 मिशन (615 करोड़ रुपये) के बजट से भी अधिक है। अभियान का मुख्य उद्देश्य सरकारी परिसरों को स्वच्छ बनाना और वर्षों से जमा कबाड़ को हटाना था। यह अभियान 2 से 31 अक्टूबर तक देशभर के मंत्रालयों, विभागों और विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों में भी चलाया गया।
एक साथ खरीदी जा सकती हैं सात वंदे भारत ट्रेनें
अधिकारियों के मुताबिक, इस अभियान से प्राप्त राशि इतनी है कि इससे लगभग सात वंदे भारत ट्रेनें खरीदी जा सकती हैं। सरकार ने बताया कि इस पहल ने न केवल राजस्व बढ़ाया, बल्कि सरकारी परिसरों में जगह भी खाली कराई, जिससे कार्यस्थल अधिक सुव्यवस्थित हुआ।
पिछले चार वर्षों में 4,100 करोड़ से अधिक की कमाई
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले चार वर्षों (2021-2025) में कबाड़ बेचकर 4,100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हो चुकी है। केवल 2021 से 2023 के बीच ही 2,364 करोड़ रुपये अर्जित किए गए थे। इस अवधि में भारतीय रेल का योगदान सबसे अधिक रहा, जिसने अकेले 225 करोड़ रुपये जुटाए।
अगस्त तक 600 करोड़, अक्टूबर में पहुंची 800 करोड़
स्वच्छता अभियान के दौरान सफाई और कबाड़ की नीलामी की रफ्तार इतनी तेज रही कि अगस्त 2025 तक जहां कुल कमाई 600 करोड़ रुपये थी, वहीं अक्टूबर के अंत तक यह आंकड़ा 800 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यह अब तक का सबसे सफल “स्वच्छता अभियान” माना जा रहा है, जिसने प्रशासनिक स्तर पर भी सकारात्मक प्रभाव छोड़ा है।























