कार्तिक पूर्णिमा पर अयोध्या धाम में भक्ति, दर्शन और सुरक्षा का अद्भुत संगम
अयोध्या, संवाददाता :
कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को सरयू नदी के पावन तटों पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। प्रशासनिक अनुमान के अनुसार लगभग 20 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र सरयू में आस्था की डुबकी लगाई। मंगलवार रात से ही घाटों पर भक्ति की लहर दौड़ने लगी थी। भोर में ब्रह्म मुहूर्त के साथ ही स्नान का सिलसिला शुरू हुआ। रामपथ से लेकर राम मंदिर और हनुमानगढ़ी तक श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी रही कि मार्गों पर कदम रखने की जगह मुश्किल से बची।
सरयू तट “जय सरयू मइया” और “जय श्रीराम” के उद्घोषों से गूंज उठा। दिन भर स्नान, पूजन और दान का क्रम जारी रहा। घाटों पर ब्राह्मणों को दान, गरीबों को अन्न-वस्त्र वितरण और गोदान के साथ पुण्य कार्य हुए।
हनुमानगढ़ी पर सबसे अधिक भीड़, राम मंदिर में 3.50 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
सरयू घाट से निकलने के बाद श्रद्धालुओं का सबसे अधिक रुझान हनुमानगढ़ी मंदिर की ओर रहा। भोर से ही यहां भारी भीड़ उमड़ने लगी। रामपथ से लेकर मंदिर परिसर तक करीब एक किलोमीटर लंबी कतारें लगी रहीं। सुबह 7 से 8 बजे के बीच दबाव इतना बढ़ गया कि श्रद्धालुओं को टुकड़ियों में प्रवेश दिया गया। वहीं, राम मंदिर पर भी लंबी कतारें रहीं। लोकगीत और भजन गाती ग्रामीण महिलाओं की कतारें दर्शनार्थियों के आकर्षण का केंद्र बनी रहीं।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार, 3.50 लाख श्रद्धालुओं ने राम मंदिर में और 5 लाख श्रद्धालुओं ने हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन किया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य गोपाल जी राव ने बताया कि भारी भीड़ को देखते हुए सुबह 6:15 बजे ही गर्भगृह के पट खोल दिए गए थे। श्रृंगार आरती से पूर्व ही दर्शन प्रारंभ हो गया था।
अयोध्या धाम बना नो-व्हीकल जोन, हाईवे पर भारी वाहनों की नो एंट्री
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने अयोध्या धाम को नो व्हीकल जोन घोषित किया था। साकेत पेट्रोल पंप, रामघाट, निषादराज चौराहा, विद्याकुंड समेत प्रमुख स्थानों पर बैरियर लगाए गए थे। धाम क्षेत्र में केवल पैदल श्रद्धालुओं को ही प्रवेश की अनुमति दी गई।






















