भूपेंद्र पटेल ने 19 नए मंत्रियों को दिलाई शपथ
गांधीनगर,संवाददाता : गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए 19 विधायकों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया और मौजूदा गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी को उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी। इस फेरबदल के साथ अब मंत्रिपरिषद में कुल 26 सदस्य हो गए हैं — जो कि गुजरात विधानसभा की कुल सीटों (182) के 15% की अधिकतम सीमा है।\ राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने गांधीनगर में आयोजित समारोह में नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
हर्ष संघवी को तरक्की, कई पुराने चेहरे बाहर
सूरत के मुजारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हर्ष संघवी ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले वे गृह राज्य मंत्री थे। पिछले मंत्रिमंडल में शामिल 16 मंत्रियों से इस्तीफा मांगा गया, लेकिन इनमें से 6 का इस्तीफा मुख्यमंत्री ने स्वीकार नहीं किया। इनमें से तीन कैबिनेट मंत्री — कनुभाई पटेल, ऋषिकेश पटेल, कुंवरजी बावलिया — और तीन राज्य मंत्री — संघवी, प्रफुल्ल पानसेरिया और पुरुषोत्तम सोलंकी — शामिल थे। पुनः शपथ लेने वालों में सिर्फ हर्ष संघवी और प्रफुल्ल पानसेरिया शामिल हैं। पानसेरिया को अब राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है।
रिवाबा जडेजा की एंट्री बनी चर्चा का विषय
इस मंत्रिमंडल में एक चौंकाने वाला नाम भी सामने आया — भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा, जिन्हें राज्य मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है। उनके अलावा जीतू वाघाणी, अर्जुन मोढवाडिया, और मनीषा वकील जैसे नेता भी नए मंत्री बने हैं।
गुजरात मंत्रिपरिषद फेरबदल की पांच बड़ी वजहें:
स्ट्रेटेजिक रीसेट:
पार्टी ने भूपेंद्र पटेल को पूरी छूट देने के लिए पूरी कैबिनेट बदल दी। महज़ 3 साल में मुख्यमंत्री को छोड़कर पूरी सरकार नया चेहरा बन गई।
कमजोर प्रदर्शन:
सूत्रों के अनुसार, कई मंत्रियों का प्रदर्शन उम्मीद से कम था। भाजपा ने नए चेहरों को लाकर सरकार की कार्यक्षमता बढ़ाने की कोशिश की है।
जातीय समीकरण:
भाजपा ने इस बार पटेल समाज को अधिक प्रतिनिधित्व देने पर ज़ोर दिया है। ये समाज राज्य की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता है।
स्थानीय चुनावों की तैयारी:
आगामी लोकल बॉडी इलेक्शन और हाल ही में बिसावदर उपचुनाव में मिली हार को देखते हुए भाजपा नई रणनीति के तहत चेहरों को बदल रही है।
नेताओं की व्यापक हिस्सेदारी:
182 सीटों वाली विधानसभा में नियम अनुसार अधिकतम 26 मंत्री बनाए जा सकते हैं। पार्टी ने इस संख्या को पूरा कर ज्यादा नेताओं को शामिल किया।