ज्योतिषाचार्य: डॉ. उमाशंकर मिश्रा
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत – 2082
शक संवत – 1947
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद
मास – कार्तिक
पक्ष – कृष्ण
तिथि – चतुर्थी रात्रि 12:24 तक, तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र – कृत्तिका रात्रि 10:49 तक, तत्पश्चात रोहिणी
योग – सिद्धि रात्रि 11:38 तक, तत्पश्चात व्यतीपात
राहुकाल – प्रातः 10:30 से दोपहर 12:00 तक
सूर्योदय – 06:12
सूर्यास्त – 17:48
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत एवं पर्व:
- करवा चौथ
- करक चतुर्थी
- दशरथ चतुर्थी
- संकष्ट चतुर्थी
- चन्द्रोदय: रात्रि 07:58
कार्तिक मास में दीपदान का महत्व
लिंग पुराण के अनुसार:
- कार्तिक मास में भगवान शिव के समक्ष घृत दीपक अर्पित करने वाला ब्रह्मलोक को प्राप्त करता है।
- लोहे, तांबे, चाँदी या सोने के दीपक विधिपूर्वक अर्पित करने वाला शिवलोक को जाता है।
अग्नि पुराण के अनुसार:
- देवमंदिर या ब्राह्मण के गृह में दीपदान करने वाला मनुष्य सबकुछ प्राप्त करता है।
- दीपदान से आयु, नेत्रज्योति, धन, पुत्र तथा सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- दीपदान करने वाला स्वर्गलोक में देवताओं द्वारा पूजित होता है।
दीपदान कैसे करें:
- मिट्टी, ताँबा, चाँदी, पीतल या सोने के दीपक लें।
- सूर्यास्त के पश्चात या प्रदोषकाल में दीपक में घी अथवा तेल की बत्ती जलाएं।
- दीपक को सीधे भूमि पर न रखें, चावल, गेहूं या सप्तधान्य का आसन दें।
- एक दीपक शिवलिंग के सामने और दूसरा श्रीहरि विष्णु के सामने रखें।
- दीप प्रज्वलन के समय मंत्रोच्चारण करें, दारिद्र्यदहन स्तोत्र या गजेन्द्रमोक्ष का पाठ करें।
पाँच विशेष दिन अवश्य करें दीपदान:
पद्म पुराण अनुसार –
रमा एकादशी से लेकर दीपावली तक के पाँच दिन दीपदान विशेष फलदायक होता है।
- घरों में
- गौशालाओं में
- देववृक्षों के नीचे
- मंदिरों में
- श्मशानों में
- जलाशयों के तट पर दीपदान करें।
पितरों का मोक्ष:
दीपदान के पुण्य से पापी पितर जिन्हें श्राद्ध व तर्पण नहीं मिला, वे भी मोक्ष को प्राप्त करते हैं।
शालिग्राम का दान:
स्कन्द पुराण के अनुसार:
- सात समुद्रों तक की पृथ्वी दान से जो फल मिलता है, वह फल शालिग्राम शिला के दान से प्राप्त होता है।
- अतः कार्तिक मास में शालिग्राम का दान अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।
विशेष सूचना:
आज करवा चौथ व्रत के अवसर पर चन्द्रोदय रात्रि 07:58 पर होगा।