अभियोग की विवेचना के बाद 30 जून 2015 को अंतिम रिपोर्ट सं0 208/15 तैयार की गई थी
लखनऊ,संवाददाता : थाना मड़ियांव लखनऊ में 2006 में पंजीकृत एक पुराने अभियोग को लेकर नया मामला दर्ज किया गया है। यह मामला मूल रूप से मु0अ0सं0 223/2006 धारा 395/397 भा0द0वि0 व 3(2)(5) एसएसीएसटी एक्ट के तहत तत्कालीन क्षेत्राधिकारी अलीगंज लखनऊ द्वारा आठ आरोपियों के खिलाफ पंजीकृत किया गया था।
जानकारी के अनुसार, अभियोग की विवेचना के बाद 30 जून 2015 को अंतिम रिपोर्ट सं0 208/15 तैयार की गई थी। इसके बाद समस्त अभियोग दैनिकियों (दैनिक पर्चा सं0 01 से 87 तथा पूरक पर्चा 01 से 40) माननीय न्यायालय में दाखिल करने हेतु क्षेत्राधिकारी कार्यालय अलीगंज से तत्कालीन डाक रनर को प्राप्त कराए गए थे।
हालांकि, प्रारंभिक जांच में पता चला कि उक्त अभियोग दैनिकियां न्यायालय में दाखिल नहीं की गईं। वर्तमान प्रकरण में तत्कालीन का0 प्रदीप मिश्रा को अभियोग दैनिकियां दाखिल कराए जाने का दायित्व पाया गया। मामले की जानकारी देते हुए प्रभारी निरीक्षक थाना मड़ियांव ने बताया कि इस मामले में उचित धारा में कार्रवाई करते हुए पुलिस उपायुक्त उत्तरी लखनऊ के अनुपालन में अभियोग पंजीकृत किया गया है। मामले की पृष्ठभूमि में बताया गया है कि मुकदमा उपरोक्त की कायमी हे0का0 शिवकुमार चौरसिया द्वारा किया गया एवं तहरीर की अक्षरशः नकल करते हुए म0का0 8273 प्रवेश के माध्यम से पंजीकरण किया गया। पुलिस ने मामले में किसी भी तकनीकी त्रुटि से होने वाली असुविधा से निपटने की बात भी कही है।