ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्रा
पंचांग विवरण:
- विक्रम संवत: 2082
- शक संवत: 1947
- अयन: दक्षिणायन
- ऋतु: शरद
- मास: भाद्रपद
- पक्ष: शुक्ल
- तिथि: तृतीया (दोपहर 12:39 तक), तत्पश्चात चतुर्थी
- नक्षत्र: हस्त (पूर्ण दिन व रात्रि), तत्पश्चात चित्रा
- योग: साध्य (दोपहर 1:22 तक), तत्पश्चात शुभ
- राहुकाल: अपराह्न 3:00 से 4:30 तक
- सूर्योदय: प्रातः 5:40
- सूर्यास्त: संध्या 6:20
- दिशाशूल: उत्तर दिशा
व्रत पर्व विवरण:
- हरितालिका तीज
- सामवेद उपाकर्म चतुर्थी
- मंगलवारी चतुर्थी (दोपहर 12:39 से 27 अगस्त दोपहर 2:06 तक)
- चंद्र-दर्शन निषिद्ध (चंद्रास्त रात्रि 8:06 पर)
विशेष:
- तृतीया हरितालिका तीज पूजन मुहूर्त: संध्या 6:00 से रात्रि 9:00 तक
गणेश चतुर्थी विशेष
तिथि: 27 अगस्त 2025, बुधवार (भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी)
व्रत एवं पूजन: भगवान श्रीगणेश के प्राकट्य दिवस पर भक्त उपवास व विशेष पूजन करते हैं।
फलदायक उपायों में से कोई एक अवश्य करें:
- शुद्ध जल से अभिषेक करें और गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
- घर में गणेश यंत्र की स्थापना करें।
- हाथी को हरा चारा खिलाएं और गणेश मंदिर में प्रार्थना करें।
- घी-गुड़ का भोग लगाकर वह गाय को खिला दें।
- 21 गुड़ की गोलियां बनाकर दूर्वा के साथ चढ़ाएं।
- पीली गणेश प्रतिमा स्थापित करें, हल्दी की पांच गांठें चढ़ाएं और 108 दूर्वा पर श्री गजवक्त्र नमो नम: का जाप करें (10 दिन तक)।
- गरीबों को वस्त्र, भोजन, फल या धन दान करें।
- विवाह की इच्छा से गणेशजी को मालपुए का भोग लगाएं और व्रत करें।
- दूर्वा से गणेश जी की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा करें।
- लड़के के विवाह हेतु पीली मिठाई का भोग अर्पण करें।
- व्रत कर गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें और तिल के लड्डुओं से व्रत खोलें।
गणेश उत्सव — दस दिवसीय शुभारंभ
आरंभ: 27 अगस्त 2025 से
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में इन पांच वस्तुओं को स्थान दें:
- नृत्य करती गणेश प्रतिमा — धन संबंधी बाधाओं के निवारण हेतु
- बांसुरी — वास्तु दोष दूर कर लक्ष्मी का वास बढ़ाने हेतु
- एकाक्षी नारियल — नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा हेतु
- शंख — घर में सुख-शांति व लक्ष्मी निवास के लिए
- कुबेर मूर्ति — उत्तर दिशा में रखें, धन-लाभ के लिए