ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
अयन: दक्षिणायन
ऋतु: शरद ऋतु
मास: भाद्रपद
पक्ष: शुक्ल
तिथि: द्वितीया प्रातः 11:39 तक, तत्पश्चात तृतीया
नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी कल प्रातः 4:04 तक, तत्पश्चात हस्त
योग: सिद्ध दोपहर 1:34 तक, तत्पश्चात साध्य
राहुकाल: प्रातः 07:30 से 09:00 तक
सूर्योदय: प्रातः 5:39
सूर्यास्त: संध्या 6:21
दिशाशूल: पूर्व दिशा में
व्रत एवं पर्व विवरण
हरितालिका तीज
तिथि: 26 अगस्त 2025, मंगलवार
व्रत की महिमा: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को यह व्रत मनाया जाता है। यह व्रत अविवाहित कन्याओं को मनोवांछित वर प्रदान करता है तथा विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
व्रत विधि संक्षेप में:
- महिलाएं निर्जल व्रत करती हैं
- शिव-पार्वती की मिट्टी/बालू से प्रतिमा बनाकर पूजन
- रात्रि जागरण, कीर्तन व कथा
- शिव को बेलपत्र, आम के पत्ते, चंपक, केवड़ा अर्पित करें
- प्रातः व्रत पूर्ण कर अन्न ग्रहण करें
मंत्र (माँ पार्वती हेतु):
ऊँ उमायै नमः
ऊँ पार्वत्यै नमः
ऊँ जगद्धात्र्यै नमः
ऊँ जगत्प्रतिष्ठायै नमः
ऊँ शांतिरूपिण्यै नमः
ऊँ शिवायै नमः
मंत्र (भगवान शिव हेतु):
ऊँ हराय नमः
ऊँ महेश्वराय नमः
ऊँ शम्भवे नमः
ऊँ शूलपाणये नमः
ऊँ पिनाकवृषे नमः
ऊँ शिवाय नमः
ऊँ पशुपतये नमः
ऊँ महादेवाय नमः
विशेष उपाय – ससुराल में कष्ट से मुक्ति हेतु
यदि किसी विवाहित महिला को ससुराल में कष्ट है, तो वह शुक्ल पक्ष की तृतीया को केवल एक बार बिना नमक का भोजन करें (दूध-रोटी)। दाल, चावल, सब्ज़ी, नमक न लें।
यदि पूरे वर्ष न कर सकें तो इन तीन तृतीयाओं पर अवश्य करें:
- माघ शुक्ल तृतीया
- वैशाख शुक्ल तृतीया
- भाद्रपद शुक्ल तृतीया (कल, 26 अगस्त को)
मंगलवारी चतुर्थी
तिथि: 26 अगस्त 2025 मंगलवार दोपहर 12:39 से 27 अगस्त दोपहर 2:06 तक
महत्व:
- इस दिन जप, ध्यान एवं तप करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
- बिना नमक का भोजन करें।
- मंगल देव का आह्वान करें।
- चंद्रमा में गणपति की भावना कर अर्घ्य अर्पित करें।
लाभ:
- ऋण मुक्ति
- रोजगार व आजीविका में वृद्धि
गणेश चतुर्थी (गणपति जन्मोत्सव)
तिथि: 27 अगस्त 2025, बुधवार (उदया तिथि)