72.35 था वास्तविक गुणांक, जबकि चयन हेतु इसे बढ़ाकर 75.35 दिखाया गया
बाराबंकी,संवाददाता : शिक्षा विभाग में फर्जी अंकपत्रों के सहारे नियुक्तियों का बड़ा खेल सामने आया है। जिले के दो राजकीय विद्यालयों में तैनात शिक्षिकाओं की नियुक्तियां फर्जी व कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पाई गई हैं। जांच में आरोप सिद्ध होने के बाद दोनों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं और थानों में मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति कर दी गई है।
पहला मामला राजकीय हाईस्कूल रसूलपुर हाउस का है, जहां हिन्दी विषय की शिक्षिका लक्ष्मी देवी पुत्री ओमप्रकाश निवासी गोकुल नगर, बाराबंकी की नियुक्ति फर्जी पाई गई। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक आज़मगढ़ की 22 जनवरी 2025 की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि लक्ष्मी देवी का वास्तविक गुणांक 71.24 था, जबकि काउंसलिंग में इसे बढ़ाकर 73.38 दर्शाया गया। दूसरा मामला राजकीय हाईस्कूल मित्तई, देवा का है। यहां अंग्रेजी विषय की सहायक अध्यापिका सलोनी अरोरा पुत्री राजकुमार अरोरा निवासी सरायमीर, आजमगढ़ (पदस्थापित: देवा, बाराबंकी) की नियुक्ति में भी फर्जीवाड़ा सामने आया। जांच रिपोर्ट में उनका वास्तविक गुणांक 72.35 था, जबकि चयन हेतु इसे बढ़ाकर 75.35 दिखाया गया।
दोनों ही मामलों में सुनवाई के दौरान आरोपित शिक्षिकाएं अपने दस्तावेजों की सत्यता प्रमाणित नहीं कर सकीं। फलस्वरूप निदेशक माध्यमिक शिक्षा प्रयागराज ने 1 अगस्त 2025 को दोनों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश जारी किया। इसके अनुपालन में डीआईओएस बाराबंकी ने थानाध्यक्ष देवा और थानाध्यक्ष जहांगीराबाद को अलग-अलग पत्र भेजकर लक्ष्मी देवी व सलोनी अरोरा के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने की संस्तुति की है।