बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव क्षेत्र सक्रिय, शहरी इलाकों में सतर्कता जरूरी

लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश में मौसम का रुख एक बार फिर बदलने जा रहा है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 23 अगस्त से राज्य में व्यापक स्तर पर झमाझम बारिश शुरू होने की संभावना है। इस बार का वर्षा दौर पूर्वी और पश्चिमी दोनों हिस्सों को प्रभावित करेगा, जिससे किसानों को जहां बड़ी राहत मिलेगी, वहीं शहरी इलाकों में जलभराव और यातायात समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।
मौजूदा मौसम की स्थिति

फिलहाल दक्षिणी उड़ीसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में मूसलधार बारिश हो रही है। इन क्षेत्रों में बने निम्न दबाव क्षेत्र का प्रभाव अब उत्तर भारत की ओर बढ़ रहा है। अगले 48 घंटों में उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश या छिटपुट बौछारें पड़ सकती हैं, जिसके बाद 23 से तेज वर्षा संभावित है। मौसम विभाग ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी, गोरखपुर, बलिया, गाजीपुर और आजमगढ़ में 23 और 24 अगस्त को मध्यम से तेज बारिश हो सकती है। इससे तापमान में गिरावट आएगी और उमस से राहत मिलेगी। धान, मक्का और अरहर जैसी खरीफ फसलों के लिए यह बारिश बेहद लाभकारी मानी जा रही है।
पश्चिमी यूपी और तराई क्षेत्र भी भीगेंगे
मेरठ, बरेली, सहारनपुर, मुरादाबाद और लखीमपुर खीरी जैसे जिलों में भी मानसून सक्रिय रहेगा। लगातार वर्षा के कारण भूजल स्तर में सुधार और जल स्रोतों का पुनर्भरण संभव है।
कृषि के लिहाज से महत्वपूर्ण बारिश
बीते कुछ हफ्तों में बारिश की कमी से खरीफ फसलों की बुवाई पर असर पड़ा था। आगामी वर्षा से धान की नर्सरी और रोपाई को गति मिलेगी। अरहर और मक्का की फसलों को भी आवश्यक नमी मिलेगी। हालांकि, अत्यधिक वर्षा से निचले क्षेत्रों में जलभराव की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
मौसम वैज्ञानिकों का विश्लेषण
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार: बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव क्षेत्र उत्तर-पश्चिम दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है। इसकी वजह से मानसून ट्रफ लाइन पुनः उत्तर भारत की ओर सक्रिय हो रही है। यह सिस्टम 3–4 दिन तक प्रदेश में सक्रिय रह सकता है, जिससे लगातार बारिश होगी।
तापमान और आर्द्रता पर संभावित असर

अधिकतम तापमान घटकर 30–31°C तक पहुंच सकता है। आर्द्रता बढ़ने से वातावरण में ठंडक और नमी का अनुभव होगा। गर्मी और उमस से राहत मिलेगी। भारी वर्षा से शहरों में जलभराव, ट्रैफिक जाम और बिजली कटौती की स्थिति बन सकती है। नगर निगमों को नालों की सफाई और ड्रेनेज व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं। ज़िलों में राहत दलों को अलर्ट पर रखा जाएगा।
सरकारी सतर्कता और दिशा-निर्देश
राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को मौसम चेतावनी पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। किसानों को सलाह दी गई है कि खेतों में जलनिकासी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें। सिंचाई विभाग को बांधों और नहरों के जलस्तर पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सामान्य जनजीवन पर असर

- लगातार वर्षा से यात्रा योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
- बस और ट्रेन सेवाओं में विलंब की संभावना।
- स्कूल-कॉलेजों में स्थानीय परिस्थिति के अनुसार छुट्टी या समय में बदलाव किया जा सकता है।