मैं परिवार की मर्जी से शादी नहीं करना चाहती थी, इसलिए यह सब किया: अर्चना
इंदौर/भोपाल : एलएलबी की छात्रा अर्चना तिवारी की रहस्यमयी गुमशुदगी का मामला अब पूरी तरह सुलझ चुका है। 7 अगस्त को इंदौर से भाई को राखी बांधने निकली अर्चना को 12 दिन बाद नेपाल बॉर्डर से बरामद कर लिया गया है। भोपाल रेल पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने देर रात पुष्टि की कि अर्चना सकुशल है और उसे आज शाम तक परिवार को सौंप दिया जाएगा। अब तक इस मामले को रहस्यमयी गुमशुदगी समझा जा रहा था, लेकिन जांच में सामने आया कि यह सब अर्चना का खुद का प्लान था, जिससे वह परिवार के शादी के दबाव से बच सके।
क्या है पूरा मामला?
अर्चना ने परिवार की पसंद से शादी करने से इनकार कर दिया था और इसी बात को लेकर घर में अक्सर विवाद होता था। इंदौर से ट्रेन यात्रा के दौरान उसकी मुलाकात सारांश नामक युवक से हुई, जिससे दोस्ती हो गई। हरदा में बैठकर अर्चना ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर गायब होने की पूरी साजिश रची। प्लान में कैब ड्राइवर तेजिंदर भी शामिल था, जो पहले से अर्चना को बाहर घुमाने ले जाता था। ट्रेन में अर्चना ने तेजिंदर से लिए कपड़े बदलकर अपनी पहचान छुपाई और अपना सामान वहीं छोड़ दिया ताकि लगे कि वह ट्रेन से गिर गई है। तेजिंदर को दिल्ली पुलिस ने एक पुराने फ्रॉड केस में गिरफ्तार कर लिया है।
नेपाल तक का सफर:
अर्चना पहले सारांश के साथ शुजालपुर गई, फिर मामला बढ़ने पर हैदराबाद और अंत में नेपाल के काठमांडू पहुंच गई। पूछताछ में अर्चना ने स्पष्ट किया कि सारांश से उसका कोई प्रेम संबंध नहीं, वह सिर्फ दोस्त है। इस केस में पुलिस आरक्षक राम तोमर का नाम भी उछला था, लेकिन जांच में उसका कोई लेना-देना नहीं पाया गया है। पुलिस ने अर्चना से विस्तृत पूछताछ की और इस नाटक के पीछे का मकसद परिवार के दबाव से बचना बताया गया।