ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्रा
दिन: बुधवार
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
अयन: दक्षिणायन
ऋतु: वर्षा ऋतु
मास: भाद्रपद
पक्ष: कृष्ण पक्ष
तिथि:
- द्वादशी — दोपहर 2:01 बजे तक
- तत्पश्चात त्रयोदशी
नक्षत्र:
- पुनर्वसु — रात्रि 1:33 बजे तक
- तत्पश्चात पुष्य
योग:
- सिद्धि — रात्रि 8:17 बजे तक
- तत्पश्चात व्यतीपात
राहुकाल: दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक
सूर्योदय: प्रातः 5:35 बजे
सूर्यास्त: सायं 6:25 बजे
दिशा शूल: उत्तर दिशा
व्रत/पर्व विवरण:
- प्रदोष व्रत
- व्यतीपात योग
विशेष:
- द्वादशी तत्पश्चात प्रदोष
पुष्य नक्षत्र योग विशेष
20 अगस्त 2025 (बुधवार) रात्रि 1:33 से
21 अगस्त 2025 (गुरुवार) रात्रि 1:33 तक
गुरुपुष्यामृत योग है। इस शुभ समय में 108 मोतियों की माला से “ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करें। श्रद्धा से गुरु का पूजन करें। पुष्य नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं, जो समृद्धि और संपत्ति के दाता हैं।
कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में
गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में
बरगद के पत्ते पर हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें।
मासिक शिवरात्रि — कर्ज मुक्ति उपाय
तिथि: 21 अगस्त 2025 (गुरुवार)
उपाय:
- सूर्यास्त के समय घर में बैठकर गुरुदेव और शिवजी का स्मरण करें।
- शिवमंदिर में दीप जलाकर निम्न 17 मंत्रों का जाप करें:
- ॐ शिवाय नमः
- ॐ सर्वात्मने नमः
- ॐ त्रिनेत्राय नमः
- ॐ हराय नमः
- ॐ इन्द्रमुखाय नमः
- ॐ श्रीकण्ठाय नमः
- ॐ सद्योजाताय नमः
- ॐ वामदेवाय नमः
- ॐ अघोरहृदयाय नमः
- ॐ तत्पुरुषाय नमः
- ॐ ईशानाय नमः
- ॐ अनंतधर्माय नमः
- ॐ ज्ञानभूताय नमः
- ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नमः
- ॐ प्रधानाय नमः
- ॐ व्योमात्मने नमः
- ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नमः
अतिरिक्त उपाय:
- रात 12 बजे थोड़ी देर जागकर जप करें और श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- दीप दान करें और सूर्यास्त के समय शिवलिंग के समक्ष एक दीपक जलाएँ जिसमें पाँच अलग-अलग बत्तियाँ हों।
- प्रार्थना और नाम जप से आर्थिक संकट दूर होते हैं।