ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र
दिनांक: 17 अगस्त 2025, रविवार
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
अयन: दक्षिणायन
ऋतु: वर्षा ऋतु
मास: भाद्रपद
पक्ष: कृष्ण पक्ष
तिथि: नवमी रात्रि 8:22 तक, तत्पश्चात दशमी
नक्षत्र: कृतिका प्रातः 6:28 तक, तत्पश्चात रोहिणी (अगले दिन प्रातः 4:54 तक), तत्पश्चात मृगशिरा
योग: व्याघात (अगले दिन प्रातः 4:01 तक), तत्पश्चात हर्षण
राहुकाल: सायं 4:30 से 6:00 तक
सूर्योदय: प्रातः 5:33
सूर्यास्त: सायं 6:27
दिशाशूल: पश्चिम दिशा में
व्रत/पर्व विवरण: विष्णुपदी सिंह संक्रांति
विशेष: नवमी तिथि
चतुर्मास विशेष:
- ताँबे और काँसे के पात्रों का प्रयोग वर्जित।
- पलाश के पत्तों पर भोजन करना पापनाशक माना गया है।
विष्णुपदी सिंह संक्रांति
तिथि: 17 अगस्त 2025, रविवार
पुण्यकाल: सूर्योदय से दोपहर 12:31 तक
विशेष महत्व:
विष्णुपदी संक्रांति के दिन किए गए जप, ध्यान एवं पुण्यकर्म का फल सामान्य से लाख गुना अधिक होता है।
(स्रोत: पद्म पुराण, सृष्टि खंड)
बरकत लाने के सरल उपाय
- ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाएँ, पूजास्थान में गंगाजल रखें।
- दुकान की बिक्री कम हो तो कनेर का फूल घिसकर तिलक करके दुकान जाएँ।
- भोजन से पूर्व गोग्रास निकालकर गाय को खिलाएँ।
- ईमानदारी से धन उपार्जन करें – ऐसा धन स्थायी होता है।
(स्रोत: ऋषिप्रसाद, मार्च 2018)
वास्तु संबंधी सावधानियाँ
- घर में टूटे काँच न रखें, तुरंत बदलें।
- बंद घड़ियाँ या खराब ताले न रखें – इन्हें सुधारें या हटा दें।
- पुराने कपड़े, चाबियाँ, ताले जो उपयोग में नहीं – उन्हें दान दें या उचित रूप से नष्ट करें।
- अनावश्यक वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा का कारण बनती हैं – साफ-सफाई रखें।
वर्षा से स्वास्थ्य सुरक्षा
- बारिश में भीगने पर एक लौंग मुँह में रखें।
- घर पहुँचकर शीघ्र सिर पोंछें, शरीर सुखाएँ।
- बायीं करवट लेटकर दायाँ श्वास चालू रखें – इससे ठंड का असर नहीं होता।