आज मनाया जा रहा लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव
धर्म डेस्क : आज का दिन भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। 16 अगस्त 2025, शनिवार को पूरे भारत में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। मंदिरों में विशेष सजावट, भजन-कीर्तन और रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण जन्म की भव्य आरती के साथ यह पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन लड्डू गोपाल को उनके प्रिय भोग अर्पित करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। आइए जानते हैं, इस जन्माष्टमी किन-किन भोगों से श्रीकृष्ण को प्रसन्न किया जा सकता है।
माखन और मिश्री: बाल गोपाल का प्रियतम भोग
श्रीमद्भागवत और अन्य ग्रंथों में वर्णन मिलता है कि नंदलाल को बचपन से ही माखन बहुत प्रिय था। गोपियों के घर से माखन चुराकर खाना उनके बाल लीलाओं का अभिन्न हिस्सा रहा है।
माखन और मिश्री का भोग:
- शुद्ध सफेद माखन के साथ मिश्री का भोग लगाएं।
- यह संयोजन सरलता, मधुरता और वात्सल्य का प्रतीक माना जाता है।
- मान्यता है कि इस भोग से घर में शांति, प्रेम और सुख-समृद्धि का वास होता है।
मालपुआ: राधा-कृष्ण प्रेम की मधुर स्मृति
मालपुआ एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है, जिसे श्रीकृष्ण अत्यंत प्रिय मानते हैं। पुराणों में उल्लेख मिलता है कि राधारानी के हाथों से बने मालपुए भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय थे।
मालपुए का भोग:
- मालपुआ मैदा, दूध, इलायची, सौंफ से बनाकर घी में तला जाता है और फिर चाशनी में डुबोया जाता है।
- यह भोग भगवान को अर्पित करने से भक्त के जीवन में मिठास और समृद्धि आती है।
खीर: पवित्रता और पूर्णता का प्रतीक
खीर का भोग श्रीकृष्ण को विशेष प्रिय है। द्वारका में रुक्मिणी जी स्वयं उन्हें खीर बनाकर प्रेमपूर्वक अर्पित करती थीं।
खीर का भोग:
- दूध, चावल, चीनी, मेवा, केसर और इलायची से बनी खीर को जन्माष्टमी की रात अर्पित करें।
- यह भोग अन्न-धन की वृद्धि, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
जन्माष्टमी पर भोग लगाते समय ध्यान रखें ये पवित्र नियम
भगवान को भोग अर्पित करना मात्र भोजन अर्पण नहीं, बल्कि भक्ति, भाव और शुद्ध आचरण का प्रतीक है। यदि नीचे दिए गए नियमों का पालन किया जाए, तो भोग का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
भोग अर्पण की शुद्ध विधि:
- तुलसी का पत्ता अर्पित करें – बिना तुलसी के भगवान श्रीकृष्ण भोग स्वीकार नहीं करते।
- पंचामृत से स्नान कराएं – गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से लड्डू गोपाल का अभिषेक करें।
- श्रृंगार करें – पीतांबर या रेशमी वस्त्र पहनाएं, फूलों और आभूषणों से सजाएं।
- मंत्र जाप करें – भोग अर्पित करते समय “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 11, 21 या 108 बार जाप करें।
- आशीर्वाद लें – भोग अर्पण के बाद भगवान को प्रणाम करें और आशीर्वाद प्राप्त करें।
- प्रसाद वितरण करें – भोग को प्रसाद के रूप में बांटें ताकि सब तक श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पहुंचे।