स्वतंत्रता का मतलब स्वच्छंदता नहीं, बलिदान और त्याग ही असली आज़ादी का आधार
लखनऊ,संवाददाता : 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा परिसर में ध्वजारोहण किया और वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने परेड की सलामी ली और शहीदों के परिजनों को सम्मानित करते हुए वीर जवानों के बलिदान को नमन किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा, स्वतंत्रता का अर्थ स्वच्छंदता नहीं हो सकता। स्वतंत्रता त्याग और बलिदान की मांग करती है। हमें उस मूल भावना को नहीं भूलना चाहिए जिसके कारण देश को आज़ादी मिली।
ऑपरेशन सिंदूर का किया उल्लेख, स्वदेशी अस्त्र-शस्त्रों पर जताया गर्व
मुख्यमंत्री योगी ने हाल ही में संपन्न हुए “ऑपरेशन सिंदूर” का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन भारतीय सेना के शौर्य और सामर्थ्य का प्रतीक है। इस ऑपरेशन की खास बात यह रही कि इसमें जिन अस्त्र-शस्त्रों का प्रयोग किया गया, वे पूरी तरह स्वदेशी थे। यही आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हमारा मजबूत कदम है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश तभी शक्तिशाली बन सकता है जब वहां कारीगरों, उद्योगपतियों और उद्यमियों को आगे बढ़ने का अवसर दिया जाए।
स्वदेशी अपनाना, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम
सीएम योगी ने अपने संबोधन में स्वदेशी को जीवनशैली का हिस्सा बनाने की अपील करते हुए कहा कि यह हमारी स्वतंत्रता को वास्तविक अर्थ देता है। उन्होंने कहा: एक ओर सुरक्षा का बेहतर वातावरण, तो दूसरी ओर स्वदेशी उत्पादों का बढ़ावा — यही सच्चे स्वतंत्र भारत का आधार होना चाहिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश में चल रही वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना को इसका सशक्त उदाहरण बताया, जिसके माध्यम से स्थानीय उत्पादों को वैश्विक मंच प्रदान किया जा रहा है।
संविधान के अमृतकाल में प्रवेश की बात
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज जब हम 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, उसी समय भारत का संविधान — जिसे भारत माता के महान सपूत बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने निर्मित किया — अमृत काल में प्रवेश कर चुका है। भारत का संविधान विषम और सम परिस्थितियों में देश को एकता के सूत्र में बाँधता है। यह सामाजिक न्याय, बंधुता और समानता का आधार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण में जहां राष्ट्रभक्ति, आत्मनिर्भरता और सुरक्षा के संदेश को बल मिला, वहीं यह भी स्पष्ट संकेत मिला कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश और भारत — विकसित और स्वदेशी समर्थ राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने को तैयार है।