स्कूलों के प्रार्थना सभाओं में शिक्षक फाइलेरिया के लक्षण और रोकथाम के बारे में देंगे जानकारी
लखनऊ, संवाददाता : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2027 तक प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसी क्रम में रविवार से 27 जिलों के 195 ब्लॉकों में व्यापक सर्वजन दवा सेवन (MDA) अभियान की शुरुआत हो गई। अभियान का शुभारंभ जनप्रतिनिधियों ने स्वयं दवा खाकर किया, जिससे जनता में विश्वास और जागरूकता का संदेश जाए। MDA अभियान के दौरान 390 रैपिड रिस्पॉन्स टीमें किसी भी गंभीर दवा प्रभाव से निपटने को तैयार हैं। साथ ही 35,483 औषधि प्रशासकों (DA) और 7,096 पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है। आयुक्त, मुख्य चिकित्साधिकारी और जिलाधिकारी स्तर पर अभियान की सघन निगरानी हो रही है।
बच्चे, शिक्षक और महिलाएं बनेंगे जागरूकता के वाहक
स्कूलों के प्रार्थना सभाओं में शिक्षक फाइलेरिया के लक्षण और रोकथाम के बारे में जानकारी देंगे। स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं दवा की सुरक्षा और प्रभावशीलता की जानकारी देकर जनता की शंका दूर करेंगी। राशन की दुकानों के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
फाइलेरिया: धीरे-धीरे उभरने वाला गंभीर रोग
प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया एक ऐसा रोग है जिसके लक्षण अक्सर 10 से 15 साल बाद सामने आते हैं। यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है और इसका अभी कोई इलाज नहीं है। हालांकि, पांच साल तक सालाना दवा सेवन से इसे पूरी तरह रोका जा सकता है।
इन जिलों में चल रहा है अभियान
औरैया, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, चंदौली, देवरिया, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हरदोई, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कौशांबी, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, महाराजगंज, मिर्जापुर, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, श्रावस्ती, रायबरेली और सुल्तानपुर।
मुख्य तथ्य: लक्ष्य: 2027 तक फाइलेरिया मुक्त यूपी, 195 ब्लॉकों में अभियान, 35,483 औषधि प्रशासक तैनात, ICT (सूचना-संचार) सामग्री भेजी गई, MDA की निगरानी में कई विभाग शामिल