ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र
- विक्रम संवत – 2082
- शक संवत – 1947
- अयन – दक्षिणायन
- ऋतु – वर्षा ऋतु
- मास – श्रावण
- पक्ष – शुक्ल
- तिथि – चतुर्दशी दोपहर 1:40 बजे तक, तत्पश्चात पूर्णिमा
- नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा सायं 3:06 बजे तक, तत्पश्चात श्रवण
- योग – प्रीति (सुबह 7:00 बजे तक), तत्पश्चात आयुष्मान
- राहुकाल – प्रातः 10:30 से दोपहर 12:00 बजे तक
- सूर्योदय – प्रातः 5:27 बजे
- सूर्यास्त – सायं 6:33 बजे
- दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत एवं पर्व :
- हरियाली पूर्णिमा
- वरद लक्ष्मी व्रत
विशेष जानकारी :
- आज चतुर्दशी और पूर्णिमा दोनों हैं।
- चातुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक कहा गया है।
लक्ष्मी पूजन तिथि एवं विशेष मंत्र
श्रावणी पूर्णिमा – 09 अगस्त 2025, शनिवार
(सावन मास की पूर्णिमा, स्कंद पुराण के अनुसार अत्यंत फलदायक)
विशेष :
यदि कोई व्यक्ति आर्थिक कष्ट से पीड़ित है, धनाभाव से परेशान है, तो श्रावणी पूर्णिमा के दिन नीचे दिए गए द्वादश मंत्रों का उच्चारण करते हुए मानसिक रूप से माता लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष लाभ होता है।
द्वादश लक्ष्मी मंत्र :
- ॐ ऐश्वर्यै नमः
- ॐ कमलायै नमः
- ॐ लक्ष्म्यै नमः
- ॐ चलायै नमः
- ॐ भुत्यै नमः
- ॐ हरिप्रियायै नमः
- ॐ पद्मायै नमः
- ॐ पद्माल्यायै नमः
- ॐ संपत्यै नमः
- ॐ ऊच्चयै नमः
- ॐ श्रीयै नमः
- ॐ पद्मधारिण्यै नमः
स्तोत्र पाठ :
“सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्ति प्रदायिनि।
मंत्रपूर्ते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तुते॥
द्वादश एतानि नामानि लक्ष्म्याः संपूज्य पठेत।
स्थिरा लक्ष्मीर्भवेत तस्य पुत्रदारैः सह॥”
जो श्रद्धा से इन नामों का जाप करता है, उसके घर में लक्ष्मी स्थायी रूप से वास करती हैं और धन संबंधी कष्ट समाप्त होते हैं।
रक्षाबंधन – संकल्पशक्ति का पर्व
भावार्थ :
रक्षाबंधन पर बहन अपने भाई के ललाट पर तिलक और अक्षत लगाकर यह संकल्प करती है –
“मेरा भाई भगवत्प्रेमी बने। उसमें विवेक, वैराग्य और मोक्ष का प्रकाश हो। उसका जीवन यश, कीर्ति और ओज-तेज से युक्त रहे।”
भाई भी यही संकल्प करे –
“मेरी बहन चरित्रवान, भगवत्प्रेमी और आदर्श नारी बने।”
रक्षासूत्र की महिमा (भविष्य पुराण अनुसार) :
वर्ष में एक बार रक्षासूत्र धारण करने से व्यक्ति रोगों और अशुभ प्रभावों से सुरक्षित रहता है।
अन्य परंपराएं :
- ब्राह्मण इस दिन यज्ञोपवीत (जनेऊ) बदलते हैं और उच्च उद्देश्य का संकल्प लेते हैं।
- समुद्र का तूफानी स्वभाव श्रावणी पूर्णिमा के बाद शांत होता है। समुद्री व्यापार में संलग्न लोग इस अवसर पर नारियल फोड़कर शुभारंभ करते हैं।