राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश

लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने शुक्रवार को इंदिरा भवन स्थित आयोग कार्यालय में विभिन्न जनपदों से प्राप्त 36 प्रकरणों की जनसुनवाई की। आयोग ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को त्वरित न्याय और समस्या निस्तारण के निर्देश दिए, साथ ही सुनवाई में गैरहाजिर अधिकारियों के प्रति गहरी नाराजगी भी जताई।
देरी से प्रोन्नति, कब्जा, पेंशन जैसे मुद्दे रहे केंद्र में
लखनऊ के देवेंद्र सिंह द्वारा की गई प्रोन्नति संबंधी शिकायत पर आयोग ने चिकित्सा विभाग की कार्यवाही को संतोषजनक बताते हुए एक माह का समय और दिया। सीतापुर की उमा देवी के मकान पर अवैध कब्जे के मामले में एसडीएम सिचौली राखी वर्मा को निर्देशित किया गया कि वृद्ध महिला के साथ कोई अन्याय न हो और यदि कब्जा पाया जाए तो तत्काल हटवाया जाए।लखनऊ नगर निगम के पूर्वकर्मी आनंद कुमार सिंह की पत्नी सुधा सिंह की शिकायत पर आयोग ने देरी पर नाराजगी जताते हुए 10 दिन में पेंशन व बीमा भुगतान का निर्देश दिया। अम्बेडकरनगर के नितेश मौर्य को कार्यभार दिए जाने की पुष्टि पर आयोग ने संतोष जताया।
जाति प्रमाण पत्र और भुगतान विवादों पर आयोग गंभीर
बाराबंकी के राजकुमार की शिकायत पर, जिसमें जिला पंचायत सीतापुर द्वारा भुगतान में भेदभाव का आरोप था, आयोग ने चेतावनी दी कि यदि भुगतान नहीं हुआ तो एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।देवीपाटन मंडल में कसौंधन जाति को प्रमाण पत्र जारी करने में आ रही दिक्कतों पर सदस्य जनार्दन प्रसाद गुप्ता ने सवाल उठाए। बहराइच के तहसीलदार ने समस्या से इनकार किया जबकि अन्य जिलों से 3 वर्षों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई।
गोंडा की शालिनी जायसवाल के प्रकरण में पुलिस आयुक्त लखनऊ के प्रतिनिधि ने पक्ष रखा, लेकिन रिपोर्ट आने के चार साल बाद भी कार्रवाई न होने पर आयोग ने गहरी असंतोष जताई।
अनुपस्थित अधिकारियों को भविष्य में कार्रवाई की चेतावनी
आयोग ने अन्य प्रकरणों में भी आवश्यक निर्देश जारी किए और कहा कि जनसुनवाई में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ शासन को पत्र भेजकर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। अध्यक्ष राजेश वर्मा ने कहा कि पीड़ितों को समयबद्ध न्याय दिलाना आयोग की प्राथमिकता है।