जिला अदालत ने लोक सेवकों से मारपीट व अपहरण के दो मामलों में सुनाया कठोर फैसला, पुलिस पैरवी की सराहना
बाराबंकी,संवाददाता : प्रदेश में जघन्य अपराधों के विरुद्ध चलाये जा रहे “ऑपरेशन कन्विक्शन” के तहत बाराबंकी में दो अलग-अलग मामलों में अदालत ने 16 अपराधियों को दोषी करार देते हुए कठोर सजाएं सुनाईं। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के निर्देश पर चल रही इस कार्ययोजना के अंतर्गत वैज्ञानिक साक्ष्य, प्रभावी पैरवी और त्वरित न्याय प्रक्रिया को सुनिश्चित करते हुए पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय के नेतृत्व में यह बड़ी सफलता हासिल हुई।
पहले मामले में थाना लोनीकटरा क्षेत्र में वर्ष 2006 में लोक सेवकों से मारपीट, राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित करने व सरकारी कार्य में बाधा डालने के गंभीर प्रकरण में 15 अभियुक्तों को 07-07 वर्ष का सश्रम कारावास व प्रत्येक को ₹29,000 के जुर्माने से दंडित किया गया। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश, कोर्ट संख्या-09 द्वारा की गई। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार 19 अगस्त 2006 को अभियुक्तों ने पुलिस कर्मियों पर लाठी-डंडों व ईंट-पत्थरों से हमला कर उन्हें घायल किया था। न्यायालय ने इस गंभीर अपराध में अभियुक्तों को दोषसिद्ध कर कठोर सजा सुनाई, वहीं 15 अन्य अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया।
दूसरे मामले में थाना सतरिख में वर्ष 2021 में एक युवती के अपहरण के मामले में अभियुक्त नीरज पुत्र मंशाराम रावत निवासी लक्ष्मनपुर को 08 वर्ष के सश्रम कारावास व ₹25,000 अर्थदण्ड से दंडित किया गया। मामले की सुनवाई एफटीसी कोर्ट संख्या-36 के अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा की गई। अभियुक्त पर युवती को बहला-फुसलाकर चारपहिया वाहन से भगाने का आरोप था। पुलिस ने प्रभावी साक्ष्य और गवाह प्रस्तुत कर उसे दोषसिद्ध कराया। इन दोनों मामलों में पुलिस मॉनिटरिंग सेल, विवेचक अधिकारियों, कोर्ट मोहर्रिरों व अभियोजन टीम की तत्परता और समन्वयपूर्ण प्रयासों के चलते न्यूनतम समय में यह निर्णय आया। पुलिस के इस कार्य की जनता द्वारा सराहना की जा रही है और इससे न्याय प्रक्रिया पर आम जन का विश्वास और मजबूत हुआ है।