विदेशों से होती थी फंडिंग, यूट्यूब चैनल, कोर्ट कर्मचारी और सफेदपोश शामिल
आगरा, संवाददाता : आगरा कमिश्नरेट पुलिस ने शनिवार को धर्मांतरण कराने वाले एक बड़े संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह में ऐसे छह सदस्य शामिल हैं जिन्होंने पहले स्वयं धर्म परिवर्तन किया और फिर सक्रिय रूप से नेटवर्क को चलाने में जुट गए। गिरोह में रिटायर्ड सूबेदार की बेटी, बैरकपुर कोर्ट का कर्मचारी, और एक यूट्यूब चैनल संचालक तक शामिल हैं।
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार के अनुसार, इस गिरोह को कनाडा, लंदन और अमेरिका से फंडिंग की जाती थी। गिरोह की कार्यशैली बेहद संगठित थी — प्रत्येक सदस्य को अलग-अलग जिम्मेदारियाँ सौंपी गई थीं।
गिरोह का नेटवर्क: भूमिकाएं और कनेक्शन
- आयशा उर्फ एसबी कृष्णा – मूलतः ओडिशा निवासी। रिटायर्ड सूबेदार की पुत्री। धर्म परिवर्तन कर आयशा बनी और गिरोह की वित्तीय व्यवस्था में सक्रिय भूमिका निभाई। वर्तमान में कोलकाता निवासी अली हसन उर्फ शेखर रॉय की पत्नी के रूप में रह रही है। उसका काम विदेशों से फंड जुटाना और उसे नेटवर्क तक पहुँचाना था।
- अली हसन उर्फ शेखर रॉय – बैरकपुर कोर्ट में कार्यरत। उसका कार्य सफेदपोश और कानूनी कवच मुहैया कराना था।
- रीत बनिक उर्फ इब्राहिम – कोलकाता निवासी। इंस्टाग्राम पर ‘Connecting Revert’ नाम से आईडी के जरिए प्रचार करता है। उसका काम युवाओं को मानसिक रूप से धर्मांतरण के लिए तैयार करना था।
- ओसामा – रीत बनिक का सहयोगी। आगरा की युवतियों को कोलकाता बुलाकर मुस्लिम बस्ती या अच्छे होटलों में ठहराने की जिम्मेदारी संभालता था।
- रहमान कुरैशी – आगरा निवासी, इंटरमीडिएट फेल। ‘सुन्ना’ नाम से यूट्यूब चैनल चलाता है, जिसके एक लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। चैनल पर धर्मांतरण कर चुकी युवतियों के वीडियो अपलोड करता है, जिससे अन्य लोगों को भी धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जाता है।
- मोहम्मद अली – जयपुर निवासी। पूर्व में एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। राजस्थान में गिरोह का नेटवर्क संचालित करता है।
- अब्बू तालिक – मुजफ्फरनगर, खालापार निवासी। धर्मांतरण के बाद दस्तावेज़ तैयार करवाने की जिम्मेदारी में शामिल।
- अबुर रहमान – देहरादून निवासी। उत्तराखंड क्षेत्र में सक्रिय धर्मांतरण एजेंट।
- मनोज उर्फ मुस्तफा – दिल्ली निवासी। कोलकाता कनेक्शन से जुड़ा। युवतियों के होटल बुकिंग और ट्रेन टिकट की व्यवस्था करता था।
- जुनैद कुरैशी – जयपुर निवासी। मोहम्मद अली के निर्देश पर कार्य करता था।
पूरे देश में फैला नेटवर्क, पुलिस की निगरानी तेज
पुलिस के अनुसार, गिरोह में कई ऐसे नाम सामने आए हैं जो समाज में सफेदपोश माने जाते हैं। गिरोह के सदस्य युवतियों को फुसलाने के लिए महंगे मकान, होटल और बड़े ऑफर का इस्तेमाल करते थे। धर्म परिवर्तन के बाद उनकी वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया और यूट्यूब पर डाली जाती थी। धर्मांतरण के बाद निकाह के लिए मुस्लिम युवक तलाशे जाते थे। विधिक सहायता हेतु अलग टीम कार्यरत थी। यह एक ऐसा संगठित गिरोह था जिसमें प्रचार, फंडिंग, आवास, दस्तावेज़ और संरक्षण सभी विभाग अलग-अलग संभाले जाते थे।
पुलिस की कार्रवाई जारी, अन्य खुलासों की संभावना
आगरा पुलिस इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जाँच कर रही है। कई NGO, धार्मिक संगठनों और अंतरराष्ट्रीय फंडिंग सोर्सेज की भी जाँच की जा रही है। गिरोह के पास से मिले डिजिटल डाटा, बैंक डिटेल और सोशल मीडिया कनेक्शन को खंगाला जा रहा है। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और आने वाले दिनों में कई और खुलासे हो सकते हैं।