अनुसूचित जनजाति वर्ग की आर्थिक स्थिति सुधारने हेतु मिशन मोड पर कार्य, शासनादेश जारी
लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत ₹35.52 करोड़ (₹5252.69 लाख) की धनराशि स्वीकृत की गई है। यह धनराशि अनुसूचित जनजाति मद के तहत राज्यांश और केंद्रांश की साझा हिस्सेदारी में प्रदान की गई है। यह जानकारी राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दिशा-निर्देशों के क्रम में साझा की गई है। उन्होंने संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस धनराशि का उपयोग पारदर्शिता, मितव्ययिता और वित्तीय नियमों के पूर्ण अनुपालन के साथ किया जाए।
सक्रिय महिला समूहों और स्व-सहायता समूहों के लिए बढ़ेंगे संसाधन
ग्राम्य विकास विभाग द्वारा इस संबंध में आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। इसमें यह भी निर्देशित किया गया है कि योजना के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए और शासन के सभी दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
मिशन के तहत दी जा रही यह सहायता न केवल महिला स्व-सहायता समूहों (SHGs) को मजबूती देगी, बल्कि ग्रामीण समुदायों में स्वरोजगार और उद्यमशीलता को भी प्रोत्साहित करेगी। यह राशि आजीविका संवर्धन, प्रशिक्षण, व्यवसायिक कौशल और विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं को सफलतापूर्वक संचालित करने में उपयोग की जाएगी।
ग्रामीण बदलाव की ओर एक और सशक्त कदम
उपमुख्यमंत्री श्री मौर्य ने इस अवसर पर कहा कि “सरकार का उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्र की प्रत्येक महिला आत्मनिर्भर बने और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करे। इस दिशा में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।” राज्य सरकार का यह निर्णय न केवल ग्राम्य विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह गरीबों, महिलाओं और वंचित समुदायों को सामाजिक-आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक प्रभावी पहल भी है।