सावन का पहला सोमवार आज, साथ ही मनाई जा रही है गजानन संकष्टी चतुर्थी
लखनऊ,संवाददाता : श्रावण मास की शिवभक्ति में डूबा देश, आज 14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार व्रत और गजानन संकष्टी चतुर्थी एक साथ पड़ रहे हैं। यह संयोग भक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है। श्रद्धालु आज शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी व शक्कर से अभिषेक कर रहे हैं। कुंवारी कन्याएं योग्य वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं, वहीं विवाहित महिलाएं पारिवारिक सुख की कामना करती हैं।
पूजा विधि:
- प्रातः स्नान के बाद शिवलिंग की स्थापना करें।
- भगवान शिव, माता पार्वती, नंदी व गणेशजी की पूजा करें।
- बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र अर्पित कर “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप करें।
- अंत में प्रसाद बांटें।
गजानन संकष्टी चतुर्थी भी आज ही मनाई जा रही है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। संतान की दीर्घायु और समस्त कष्टों की निवृत्ति के लिए माताएं इस व्रत को करती हैं।
गणेश पूजा विधि:
- चौकी पर गणेश प्रतिमा स्थापित करें।
- गंगाजल से स्नान कराएं, तिलक करें।
- तिल के लड्डू, फल, नारियल का भोग लगाएं।
- चंद्र दर्शन के बाद अर्घ्य दें और व्रत का पारण करें।
आज का पंचांग (14 जुलाई 2025):
- तिथि: कृष्ण चतुर्थी (रात्रि 11:59 बजे तक)
- वार: सोमवार
- योग: आयुष्मान (शाम 4:14 बजे तक)
- नक्षत्र: धनिष्ठा (सुबह 6:49 बजे तक)
- सूर्योदय: 05:33 AM | सूर्यास्त: 07:21 PM
- चंद्रोदय: रात 09:55 बजे
- राहुकाल: सुबह 07:16 से 09:00 तक
शुभ योग और व्रत का विशेष महत्व : आज का दिन शिव और गणेश उपासना के लिए अत्यंत फलदायी है। शास्त्रों के अनुसार, सावन सोमवार और संकष्टी चतुर्थी का यह दुर्लभ संयोग विशेष रूप से शुभ फल प्रदान करता है।