जाति नहीं, भक्ति ही पहचान… लोधेश्वर महादेवा की पावन धरा पर न लगे कलंक : स्थानीय
रामनगर (बाराबंकी) , संवाददाता: एक व्यक्तिगत लड़ाई के चलते आज लोधेश्वर महादेवा को विश्व स्तर पर बदनाम करने का जो कुत्सित प्रयास किया गया। इसकी जितनी भी भर्तसना की जाए वह कम है। यह कहना है लोधेश्वर मंदिर के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों का। असल में शिव की नगरी लोधेश्वर महादेव, जहां सैकड़ों वर्षों से जात-पात की दीवारें टूटती रहीं, वहां गुरुवार देर शाम की एक घटना ने श्रद्धालुओं को झकझोर दिया। दो गुटों के विवाद ने मंदिर की पवित्रता को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया। पहले पक्ष महादेवा निवासी शैलेंद्र प्रताप गौतम का आरोप है कि मंदिर में पूजा के दौरान अखिल और शुभम तिवारी ने उनके साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया और दर्शन-पूजन से रोका। उन्होंने मारपीट की भी शिकायत दर्ज कराई है। दूसरी ओर बाबा आदित्यनाथ तिवारी का आरोप है कि उनके पुत्र और बहू के साथ दुर्व्यवहार किया गया था, जिससे विवाद ने तूल पकड़ा।
पुलिस जांच में जुटी, सीसीटीवी फुटेज खंगाले
एएसपी उत्तरी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि दोनों पक्षों की शिकायत पर पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है। शुभम व अखिल तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़ित का उपचार जिला अस्पताल में जारी है। सीसीटीवी फुटेज में शैलेंद्र को दलित कहकर पूजा से रोके जाने की पुष्टि नहीं हुई है। अफसरों ने साफ किया कि किसी भी हालत में धार्मिक स्थलों पर अशांति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शिव की नगरी में आस्था ही सबसे बड़ी जाति
मंदिर के आसपास रहने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि शिव सबके हैं। उनके दरबार में कोई ऊंच-नीच नहीं, कोई भेदभाव नहीं। लोधेश्वर महादेव की पहचान समरसता और सौहार्द से है। ऐसा आरोप लगाने वाला शैलेंद्र मंदिर के दूसरे पुजारी वीरेंद्र अवस्थी से जुड़ा हुआ है। जिनके बीच में खींचतान चला करती है।