भागवत कथा के पंचम दिवस पर हुआ माखन चोरी, कालिया दमन और गोवर्धन पूजा का वर्णन

टिकैतनगर,बाराबंकी,संवाददाता : पानापुर स्थित कालू ठाकुर बाबा स्थान पर चल रही सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस पर श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का भक्तिपूर्ण रसपान किया। कथा वाचक शांति भूषण महाराज (अयोध्या धाम) ने अपने ओजस्वी प्रवचन में भगवान की लीलाओं को विस्तारपूर्वक सुनाया, जिनसे पंडाल का माहौल भक्तिरस में डूब गया। कथा की शुरुआत माखन चोरी प्रसंग से हुई, जिसमें महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण द्वारा गोपियों के घरों से माखन चुराना कोई सांसारिक चोरी नहीं थी, बल्कि यह शुद्ध प्रेम और समर्पण का प्रतीक था। जैसे ही भजन मंडली ने गाया “माखन चुराए रे गिरधारी, छुप छुप आए रे नंदलाल”, महिलाएं भावविभोर होकर झूमने लगीं।
कालिया नाग दमन की कथा सुनकर गूंजा पंडाल
इसके पश्चात यमुना में कालिया नाग के आतंक और उसके उद्धार की कथा सुनाई गई। महाराज ने कहा कि विषाक्त यमुना को शुद्ध करने और ब्रजवासियों को भयमुक्त करने हेतु बालकृष्ण ने कालिया नाग को परास्त कर उसका अहंकार चूर-चूर कर दिया। भजन “नाचे नंदलाल कालिया नाग पर…” गूंजते ही पंडाल जयकारों से गूंज उठा।
गिरिराज उठाकर दिया एकता और धर्म का संदेश
कथा में गोवर्धन पूजा का प्रसंग भी सुनाया गया, जिसमें श्रीकृष्ण द्वारा अपनी छोटी अंगुली पर गिरिराज पर्वत उठाकर इंद्र के घमंड को तोड़ने की लीला प्रस्तुत की गई। महाराज ने कहा कि यह प्रसंग समाज में एकता, प्रकृति के प्रति सम्मान और अधर्म के विरोध का प्रतीक है। भजन “छोटे से बालक ने गिरिराज उठाया…” पर श्रद्धालुओं ने करतल ध्वनि के साथ जयघोष किया।
झांकियों और भजनों ने बढ़ाई भक्ति की छटा
कार्यक्रम में राम कल्याण शुक्ला, रामदेव कौर, रमेश मौर्य, मुकेश सिंह, जसवंत सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। महिलाएं मृदंग व झाल की थाप पर नृत्य करती रहीं, वहीं बच्चों की कृष्ण रूपी झांकियों ने आयोजन को और भी आकर्षक बना दिया।