वैश्विक बाजार में दाम बढ़ने के कारण घरेलू कीमतों में भी तेजी देखने को मिली है
नई दिल्ली,संवाददाता : बढ़ती महंगाई के बीच आम जनता को राहत देने के उद्देश्य से सरकार ने कच्चे खाद्य तेलों पर मूल सीमा शुल्क को 20% से घटाकर 10% कर दिया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, यह निर्णय शुक्रवार से प्रभावी हो गया है।
क्या बदला शुल्क में?
- कच्चे खाद्य तेलों पर अब शुद्ध सीमा शुल्क 16.5% हो गया है
- रिफाइंड ऑयल पर शुद्ध सीमा शुल्क अभी भी 35.25% बना हुआ है
किस तेल पर होगा सबसे अधिक असर?
सरकार के इस कदम का मुख्य उद्देश्य पाम ऑयल, सोया ऑयल और सूरजमुखी तेल की खुदरा कीमतों में कटौती करना है।
खाद्य तेल की मौजूदा कीमतें (28 मई के अनुसार):
- पाम ऑयल: ₹134/लीटर (34% वृद्धि)
- सूरजमुखी तेल: 30% तक वृद्धि
- सोया तेल: ₹147/लीटर (18% वृद्धि)
- सरसों तेल: ₹170/लीटर से अधिक (25% वृद्धि)
हालांकि इस वर्ष देश में सरसों की रिकॉर्ड फसल हुई है, लेकिन वैश्विक बाजार में दाम बढ़ने के कारण घरेलू कीमतों में भी तेजी देखने को मिली है। विशेषज्ञों का मानना है कि शुल्क में यह कटौती आयात लागत को घटाएगी, जिससे घरेलू खुदरा कीमतों पर दबाव कम होगा और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।