जोन में मानसून की बारिश कृषि के लिए रीढ़ की हड्डी मानी जाती है
नई दिल्ली,संवाददाता : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जून महीने को लेकर राहत भरी खबर दी है। आमतौर पर जून में औसतन 160.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जाती है, लेकिन इस बार इससे कहीं अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान है। यह खबर किसानों और आम लोगों के लिए राहत लेकर आई है, खासतौर पर जब देश के कई हिस्से भीषण गर्मी की चपेट में हैं।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि सामान्यत: जून में तीन से चार दिन लू चलती है, लेकिन इस बार ऐसी स्थिति बनने के आसार बेहद कम हैं। यह उन इलाकों के लिए बड़ी राहत है जो हर साल जून में भीषण गर्मी और लू का सामना करते हैं।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन के अनुसार, इस वर्ष मानसून कोर जोन में औसत से अधिक वर्षा की उम्मीद है। कोर जोन में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और आसपास के इलाके शामिल हैं। इन क्षेत्रों में मानसून की बारिश कृषि के लिए रीढ़ की हड्डी मानी जाती है। हालांकि पूरे देश में वर्षा समान रूप से नहीं होगी। उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य बारिश की संभावना जताई गई है, जबकि पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से कम वर्षा हो सकती है।
उत्तर प्रदेश के लिए भी यह मानसून अच्छी खबर लेकर आया है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार खासतौर पर पश्चिमी यूपी में अच्छी बारिश होगी और जून में तपिश कुछ हद तक कम रहेगी। लू चलने वाले दिनों की संख्या भी सामान्य से कम रहने की संभावना है। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने बुधवार को पहाड़ी जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं मैदानी इलाकों में हल्की बारिश के आसार हैं। पूरे राज्य में 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है।