भारत में अरबों डॉलर का विदेशी निवेश आने की उम्मीद जताई जा रही है
दिल्ली,संवाददाता : भारत की ओर से बांग्लादेश के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए एक अहम प्रतिबंध लगाने से इस पड़ोसी देश की ‘हेकड़ी’ निकल गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत के इस फैसले से बांग्लादेश को करीब 6,600 करोड़ रुपये का तगड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।
भारत सरकार ने ओर से कुछ भारतीय उत्पादों पर लगाए गए प्रतिबंधों और उसके चीन व पाकिस्तान के साथ बढ़ते व्यापारिक संबंधों के संदर्भ में यह निर्णय लिया है। जहां एक ओर शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद बांग्लादेश ने भारत विरोधी रवैया अपनाया, वहीं अब उसके इसी टकराव भरे रुख का भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भारत को फायदा होगा व अरबों डॉलर का निवेश और लाखों नौकरियों का रास्ता खुलेगा। वहीं बांग्लादेश की आर्थिक चुनौतियों के बीच भारत को इसका सीधा फायदा मिल सकता है।
भारत में अरबों डॉलर का विदेशी निवेश आने की उम्मीद जताई जा रही है, साथ ही लाखों नई नौकरियों के सृजन की संभावना भी प्रबल हो गई है। भारत और बांग्लादेश के रिश्ते कभी बहुत मधुर रहे हैं, लेकिन हालिया घटनाओं ने समीकरण बदल दिए हैं। शेख हसीना शासन के बाद आए बदले राजनीतिक हालात ने भारत के प्रति बांग्लादेश के तेवर कड़े कर दिए हैं, जिसका अब भारत ने रणनीतिक तरीके से जवाब दिया है। भारत के प्रतिबंधों के असर से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतरने लगी है। ट्रेड, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट सेक्टर में गिरावट का खतरा मंडरा रहा है। भारत ने यह सख्ती दिखा कर साफ कर दिया है कि अपने हितों से समझौता अब नहीं होगा। डीजीएफटी परिपत्र के अनुसार भारत ने 17 मई 2025 को बांग्लादेश से कुछ वस्तुओं के आयात पर बंदरगाह प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें रेडीमेड कपड़े और प्रोसेस्ड फूड सम्मिलित हैं। भारत के वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड की ओर से जारी अधिसूचना के माध्यम से यह निर्णय लिया गया है। इस कदम का उद्देश्य घरेलू उद्योगों की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना बताया गया है।
ध्यान रहे कि इससे पहले, भारत ने बांग्लादेश के लिए ट्रांस-शिपमेंट सुविधा समाप्त कर दी थी, जिससे बांग्लादेश को भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों के जरिये अपने उत्पादों को दूसरे देशों में निर्यात करने की अनुमति मिल गई थी। अब यह सुविधा भी समाप्त कर दी गई है, जिससे बांग्लादेश की व्यापारिक स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है। इस निर्णय के बाद, बांग्लादेश ने पाकिस्तान के साथ अपने व्यापारिक संबंध मजबूत करना शुरू कर दिए हैं, जिससे दक्षिण एशिया के व्यापारिक समीकरणों में नया मोड़ आ सकता है।