रामचरितमानस का सुंदरकांड पाठ और भजन-कीर्तन भी माने गए हैं विशेष फलदायी
लखनऊ,संवाददाता : राजधानी में ज्येष्ठ माह का शुभारंभ 13 मई से हो रहा है और इसी के साथ शुरू होगा श्रद्धा, आस्था और सेवा का पर्व—बड़ा मंगल। पूरे शहर में मंदिरों की रौनक देखते ही बन रही है। हनुमान मंदिरों में रंग-रोगन, सजावट और भक्तों की व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया गया है।
सज-धज कर तैयार हैं हनुमान मंदिर
पुराना अलीगंज हनुमान मंदिर, पाताल पुरी लेटे हुए हनुमान मंदिर, हनुमान सेतु, कपूरथला, पांडेयगंज, अमीनाबाद, रकाबगंज, और सिद्धनाथ पीठ समेत प्रमुख मंदिरों में विशेष तैयारियां की गई हैं। मंदिरों के बाहर भंडारों के लिए स्थान तय कर दिए गए हैं और छाया के लिए तंबू-कनात लगाए गए हैं। प्रसाद, पुष्पों और मालाओं की दुकानों की भीड़ लगने लगी है।
भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था
सभी प्रमुख मंदिरों पर महिला व पुरुष भक्तों के लिए अलग-अलग कतारें बनाई गई हैं और बैरिकेडिंग का काम जोरों पर है। सुरक्षा और सुगमता के लिए यातायात और पार्किंग व्यवस्था भी दुरुस्त की जा रही है।
इस बार 5 बड़े मंगल
13 मई, 20 मई, 27 मई, 3 जून, और 10 जून विशेष ज्योतिषीय योगों के चलते इस बार का पहला बड़ा मंगल अत्यंत फलदायी माना जा रहा है। चंद्रमा वृश्चिक राशि में मंगल के साथ रहेंगे और गुरु की दृष्टि से गजकेसरी योग बनेगा। सूर्य उच्च मेष में और शुक्र उच्च मीन में होंगे।
हनुमान पूजन का विशेष महत्व
शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जी रुद्र के अवतार माने जाते हैं और संकटमोचन के रूप में पूजे जाते हैं। ज्येष्ठ के मंगलवार को उनका विशेष पूजन करने से मंगल दोष, शनि पीड़ा, कर्ज, शत्रु बाधा व मुकदमों में राहत मिलती है। लाल चंदन, सिंदूर, चमेली का तेल, तुलसी, बेसन के लड्डू और बूंदी से पूजन करने पर वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं।