लखनऊ और सीतापुर के कई नर्सिंग होम्स और जच्चा बच्चा केंद्रों के नेटवर्क से जुड़ा है गिरोह
लखनऊ,संवाददाता : नवजात शिशुओं की तस्करी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए डीसीपी उत्तरी गोपाल कृष्ण चौधरी ने सर्विलांस समेत 4 विशेष टीमों का गठन किया है। अब तक की जांच में गिरफ्तार आरोपियों से महत्वपूर्ण दस्तावेज और मोबाइल बरामद किए गए हैं, जिनसे मड़ियांव पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं। पुलिस अब इस गिरोह के अस्पतालों और नर्सिंग होम्स के नेटवर्क की जांच में जुटी हुई है।
इस मामले में गिरफ्तार सरगना विनोद सिंह, जो बीके कंसलटेंसी का संचालक है, और सुपर एलायंस नर्सिंग होम के डॉक्टर अल्ताफ समेत अन्य आरोपियों के मोबाइल और दस्तावेजों से प्राप्त जानकारी से पुलिस को यह संकेत मिल रहे हैं कि यह गिरोह लखनऊ और सीतापुर के कई नर्सिंग होम्स और जच्चा बच्चा केंद्रों के नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।
गुरुवार को पुलिस की एक टीम सीतापुर के हरगांव स्थित उस नर्सिंग होम का दौरा करेगी, जहां से गिरोह के सदस्य नीरज गौतम ने बच्ची को लाया था। पुलिस वहां बच्ची के माता-पिता और अस्पताल संचालक से बयान दर्ज करेगी और नर्सिंग होम में पिछले एक साल में जन्मे बच्चों का पूरा रिकॉर्ड हासिल करेगी। एसीपी अलीगंज बृज नारायण सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल में कुछ संदिग्ध नंबर मिले हैं, जिनकी जांच सर्विलांस टीम कर रही है। इसके अलावा, पुलिस यह भी जांच रही है कि विनोद सिंह ने अपनी कंसलटेंसी के माध्यम से किन-किन अस्पतालों में मैनपावर सप्लाई की थी। जांच में कई नर्सिंग होम्स और बड़े अस्पतालों के बारे में भी जानकारी मिली है। पुलिस अब इन अस्पतालों के संचालकों और स्टाफ के बयान भी दर्ज करेगी। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि बच्चों की तस्करी के बदले की रकम कैसे ली जाती थी – क्या यह नगद रूप में दी जाती थी या फिर खातों में ट्रांसफर होती थी। इस संबंध में पुलिस आरोपियों के बैंक खातों की जांच कर रही है और यह पता लगाएगी कि एक ही तारीख पर किसके पास पैसे आए और किसने भेजे। पुलिस ने अब तक गिरोह के प्रमुख विनोद सिंह, डॉक्टर अल्ताफ, नीरज गौतम, कुसुम देवी, संतोष कुमारी और शर्मा देवी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने नीरज गौतम और कुसुम देवी की निशानदेही पर एक बच्ची भी बरामद की, जिसे दो माह पहले गिरोह ने 3 लाख रुपये में एक दंपति को बेचा था।