हनुमानजी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करते हैं हरसंभव मदद
डॉ. उमाशंकर मिश्र,लखनऊ : रुद्रावतार हनुमानजी को इन्द्र से इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त हुआ था। श्रीराम के वरदान अनुसार, कल्प के अंत होने पर उन्हें उनके सायुज्य की प्राप्ति होगी। सीता माता के वरदान के अनुसार वे चिरंजीवी रहेंगे। वे आज भी अपने भक्तों की हर परिस्थिति में मदद करते हैं। ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने रामभक्त हनुमानजी को साक्षात देखा है। उन्हीं में से कुछ लोगों के बारे में हम आपको बताते हैं:
- भीम भीम अपने बड़े भ्राता की आज्ञा का पालन करते हुए ऋषि पुरुष मृगा को खोजने निकल पड़े। रास्ते में वे हनुमानजी को लेटे हुए पाए। भीम ने उन्हें एक साधारण बंदर समझा और पूंछ हटाने को कहा, लेकिन जब वे पूंछ हिला भी नहीं पाए, तो उन्हें एहसास हुआ कि यह कोई साधारण बंदर नहीं, बल्कि हनुमानजी थे। भीम ने तुरंत उनसे क्षमा मांगी।
- अर्जुन अर्जुन ने रामेश्वरम में हनुमानजी से मुलाकात की थी। जब अर्जुन ने कहा कि वह बाणों से एक सेतु बना सकता है, तो हनुमानजी ने चुनौती दी कि अगर बाणों से बना सेतु उनका वजन सह पाए तो वह मानेंगे। लेकिन जैसे ही हनुमानजी ने पग रखा, सेतु टूट गया। फिर अर्जुन ने राम का नाम लेकर सेतु बनाया और हनुमानजी ने उस पर पग रखा, तब सेतु नहीं टूटा। हनुमानजी ने तब अर्जुन से कहा कि वह युद्ध के अंत तक उनकी रक्षा करेंगे।
- माधवाचार्यजी माधवाचार्यजी, जो 1238 ई. में जन्मे थे, हनुमानजी के परम भक्त थे। एक दिन उन्हें हनुमानजी के साक्षात दर्शन हुए थे। उन्होंने अपने आश्रम में देखा और यह अनुभव अपने शिष्यों से साझा किया।
- तुलसीदासजी तुलसीदासजी ने भी हनुमानजी को साक्षात दर्शन किया था। एक दिन शमी वृक्ष के पास एक प्रेत ने तुलसीदासजी को दर्शन का वचन दिया। बाद में, हनुमानजी ने तुलसीदासजी को राम के दर्शन कराने का वचन दिया और वे मंदाकिनी के तट पर बालक रूप में दिखे।
- समर्थ रामदास समर्थ रामदास, जो 1608 में जन्मे थे, हनुमानजी के महान भक्त थे। उन्होंने हनुमानजी को साक्षात दर्शन किया और उनकी भक्ति का प्रचार महाराष्ट्र में किया।
- राघवेन्द्र स्वामी राघवेन्द्र स्वामी ने भी हनुमानजी के साक्षात दर्शन किए थे। वे 1595 में जन्मे और माधव समुदाय के प्रमुख गुरु थे।
- नीम करोली बाबा नीम करोली बाबा, जो हनुमानजी के परम भक्त थे, ने भी हनुमानजी से साक्षात दर्शन किए। उन्होंने कई हनुमान मंदिर बनवाए और देशभर में उनकी भक्ति का प्रचार किया। कहते हैं कि जो भी हनुमानजी का परम भक्त होता है, हनुमानजी उसे किसी न किसी रूप में दर्शन दे ही देते हैं या अपनी उपस्थिति को प्रकट कर देते हैं। ऐसे सैकड़ों हनुमान भक्त हैं जिन्होंने अपने अनुभव में बताया है कि हनुमानजी हमारी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हरसंभव मदद करते हैं। हनुमानजी की भक्ति ही हमारे जीवन का आधार है।