तौलिया बनाने वाली कंपनी को दे दिया गया है जल जीवन मिशन का ठेका
रायबरेली,संवाददाता : अमेठी सांसद किशोरी लाल शर्मा ने अमेठी और रायबरेली संसदीय क्षेत्र में जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत अभियान की बदहाली का मुद्दा संसद में जोरशोर से उठाया है। उन्होंने दोनों योजनाओं के माध्यम से सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा कि ये योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के क्रम में अमेठी सांसद किशोरी लाल शर्मा ने कहा कि जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत अभियान के बारे में तमाम बातें कही गईं, लेकिन जो योजनाओं की हकीकत है, वह कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि जब वह क्षेत्र में जाते हैं, तो देखते हैं कि नलों में पानी नहीं है। रायबरेली और अमेठी में दिशा की बैठक में यह बात सामने आई कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिन कंपनियों को ठेका दिया गया, उन्होंने काम को दूसरी कंपनी को दे दिया, और फिर तीसरी कंपनी के पास काम चला गया। इससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि काम कैसे हुआ होगा। उन्होंने कहा, “अमेठी संसदीय क्षेत्र में तौलिया बनाने वाली कंपनी को जल जीवन मिशन का काम दे दिया गया है। इस कंपनी को 133 कार्य दिए गए थे, जिनमें से अभी तक सिर्फ 16 काम ही पूरे हुए हैं। इस कंपनी को डेढ़ साल में काम पूरा करना था, लेकिन तीन साल बाद भी काम पूरा नहीं हुआ है।”
किशोरी लाल शर्मा ने कहा कि इन कंपनियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ जब जिले के अधिकारी लिखते हैं तो लखनऊ से कोई कार्रवाई नहीं होती है। “इनको जाने किसका संरक्षण प्राप्त है?” उन्होंने सवाल किया। सांसद ने सुल्तानपुर में हुए एक्सईएन हत्याकांड का भी मामला उठाया और कहा कि एक ठेकेदार ने अपने सबोर्डिनेट से मिलकर एक ईमानदार अधिकारी की हत्या कर दी। उन्होंने यह भी कहा कि रायबरेली की दिशा की बैठक में एक जनप्रतिनिधि, जो पहले सपा के विधायक हुआ करते थे और अब भाजपा के पक्ष में हैं, ने खुद स्वीकार किया कि पीडब्ल्यूडी की 29 सड़कों को ठेकेदारों ने खोदा, लेकिन उनका काम पूरा नहीं किया गया। “सिर्फ मिट्टी भरकर छोड़ दिया गया,” उन्होंने कहा। शर्मा ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार का आलम यह है कि जिले के अधिकारियों द्वारा भ्रष्ट ठेकेदारों के खिलाफ लिखा जाता है, लेकिन लखनऊ से कोई कार्रवाई नहीं होती।
स्वच्छ भारत अभियान को लेकर अमेठी सांसद ने कहा, “सरकार का दावा है कि 12 करोड़ शौचालय बनाए गए और 6 लाख गांव को खुले में शौच मुक्त किया गया, लेकिन सर्वे में इस पर सवाल उठाए गए हैं। हमारे संसदीय क्षेत्र के जिला मुख्यालय में हमने कई ऐसे शौचालय देखे जिनमें दरवाजे नहीं थे और गंदगी का अंबार था।” उन्होंने कहा, “जल जीवन मिशन का काम 2014 में ही पूरा हो जाना था, लेकिन वह अब तक पूरा नहीं हो पाया है। वित्त मंत्री ने बताया कि 19 करोड़ 37 लाख टोटियों से पानी देने का लक्ष्य था, जो अब तक 15 करोड़ ही पूरा हो पाया है। इनमें से तीन करोड़ तो यूपीए सरकार का ही था।” अमेठी सांसद ने कहा, “यह जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा है, उसकी निगरानी की जानी चाहिए।”