एमएलए गुरु खुशवंत साहेब पर झूठी एफआईआर के आरोप, जानें पूरा मामला
रायपुर,संवाददाता : प्रदेश में आगामी निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। रविवार को राजधानी रायपुर के तिल्दा-नेवरा क्षेत्र से एक खबर तेजी से फैली, जिसने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया। यह खबर तिल्दा जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष टिकेश्वर मनहरे पर अपहरण का आरोप लगाए जाने से जुड़ी थी, लेकिन बाद में यह पूरी कहानी फिल्मी स्टाइल में झूठी साबित हुई। बीजेपी के बड़े नेता वेदराम मनहरे के छोटे भाई और तिल्दा जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष टिकेश्वर मनहरे पर एक प्रत्याशी के अपहरण का आरोप लगाते हुए तिल्दा थाने में मामला दर्ज कराया गया था। टिकेश्वर ने इसे राजनीतिक द्वेष का परिणाम बताया और दावा किया कि उनके खिलाफ झूठा आरोप राजनीतिक कारणों से लगाया गया है। टिकेश्वर मनहरे ने कहा, “यह आरोप पूरी तरह निराधार है और इसका उद्देश्य मुझे चुनावी प्रक्रिया से बाहर करना है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने दबाव डालकर यह झूठा मामला दर्ज कराया है, जबकि उनके विरोधी प्रत्याशी के करीबी रिश्तेदार योगेश गुरु ने नामांकन पत्र लिया है।
टिकेश्वर ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से आरंग विधायक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि विधायक के परिवार द्वारा तिल्दा जनपद में अनैतिक प्रचार किया जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विधायक ने अपनी बहन का नाम वोटर लिस्ट में अवैध रूप से जोड़ने की कोशिश की है। इस मामले में, नेवरा थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह श्याम ने बताया कि एक फरवरी को योगेश गुरु की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, टिकेश्वर मनहरे के समर्थकों ने थाना पहुंचकर इस मामले को झूठा बताते हुए एफआईआर रद्द करने की मांग की। वेदराम मनहरे और उनके समर्थक भी थाना पहुंचे और उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। यह घटना चुनावी माहौल को और भी गरमा सकती है, क्योंकि तिल्दा जनपद पंचायत में कई प्रमुख उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।