तेलंगाना स्टेट कमेटी में सेक्रेटरी पद के लिए भी पैदा हो सकता है संकट
बीजापुर,संवाददाता : तेलंगाना स्टेट कमेटी सचिव और मोस्ट वांटेड नक्सली बड़े चोक्का राव उर्फ दामोदर को बीजापुर जिले के पुजारी कांकेर में हुई मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है। इस मुठभेड़ में दामोदर के शव की जानकारी पहले नहीं मिली थी, लेकिन नक्सलियों ने बाद में प्रेस नोट जारी कर पुष्टि की कि मुठभेड़ में वह भी मारे गए हैं। दामोदर की मौत से तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में नक्सल संगठन को बड़ा नुकसान हुआ है। इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार, दामोदर की मौत के साथ ही नक्सलियों की बारूद और हथियारों की सप्लाई चेन भी टूट गई है। वह तेलंगाना और बस्तर के लिए बारूद और हथियारों की खरीदी की जिम्मेदारी संभालता था। इसके अलावा, वह फंड जुटाने के काम में भी सक्रिय था। सूत्रों का कहना है कि दामोदर ने तीन साल पहले पामेड़ के जंगलों में एक बैठक आयोजित की थी, जिसमें बीजापुर जिले के दो प्रमुख नेताओं को रेत खनन का काम सौंपा था और उनसे मुनाफे का एक हिस्सा संगठन को देने की जिम्मेदारी दी थी। इसके बाद से रेत के अवैध कारोबार में दामोदर का सीधा दखल था, और संगठन को लाखों की उगाही होती थी।
इसके अलावा, दामोदर नॉर्थ ईस्ट के उग्रवादी संगठनों से हथियारों की खरीदारी करता था और वह अपने पास आधुनिक हथियार रखता था। बस्तर के दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जैसे इलाकों में वह लंबे समय से सक्रिय था। 16 जनवरी को हुई मुठभेड़ के बाद, सुरक्षा बलों ने 12 नक्सलियों के शव बरामद किए थे, लेकिन दामोदर का शव शामिल नहीं था। दो दिन बाद, 18 जनवरी को नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि दामोदर समेत छह नक्सली मारे गए हैं। इसके बाद बस्तर पुलिस ने भी प्रेस नोट जारी कर पुष्टि की कि उन्होंने दामोदर को मारा है। हालांकि, अभी तक नक्सलियों की तरफ से दामोदर की मौत से जुड़ी कोई तस्वीर या वीडियो जारी नहीं किया गया है। आमतौर पर बड़े नक्सली नेताओं की मौत के बाद नक्सली संगठन तस्वीरें जारी करते हैं, लेकिन इस बार इसके जारी होने में विलंब हो रहा है। दामोदर की मौत से तेलंगाना स्टेट कमेटी में सेक्रेटरी पद के लिए भी संकट पैदा हो सकता है, क्योंकि वह उस पद के प्रमुख दावेदारों में से एक था।