ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र,सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र
लखनऊ,संवाददाता : आज, 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन शुरू हो चुका है। इस महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज में स्नान करके पुण्य की प्राप्ति करेंगे। हालांकि, बहुत से लोग किसी कारणवश महाकुंभ में शाही स्नान में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, तो वे अपने घर पर भी कुछ विशेष नियमों का पालन करते हुए महाकुंभ का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
महाकुंभ के पुण्य का अनुभव घर पर कैसे करें:
- स्नान की शुरुआत
शाही स्नान सूर्योदय से पहले किया जाता है। इसलिए सुबह जल्दी उठें और जहां भी आप रहते हैं, वहां पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करें। यदि आपके पास नदी या सरोवर नहीं है, तो घर के स्नान पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और गंगा मैया का सुमिरन करें:
“हर हर गंगे” का जप करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होगी। - मंत्र जाप
स्नान करते समय भगवान का ध्यान करें और “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” जैसे मंत्रों का जाप करें।
आप “गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू” का जाप भी कर सकते हैं। - कुम्भ में डुबकी
महाकुंभ में 5 बार डुबकी लगाने का नियम है, तो आप भी स्नान करते वक्त 5 बार अपने शरीर को धोकर डुबकी लगाएं।
स्नान के दौरान साबुन, डिटर्जेंट का उपयोग न करें। - जल अर्पित करें
स्नान के बाद भगवान सूर्य नारायण को जल अर्पित करें और फिर घर पर तुलसी माता को जल अर्पित करें। - स्वच्छता और ध्यान
स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें और घर के पूजा स्थान पर बैठकर भगवान श्री हरि विष्णु, शिव और अन्य देवताओं का ध्यान करें। गंगा मैया को प्रणाम करें। - दान
महाकुंभ में दान का विशेष महत्व है। घर से ही गरीबों या जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, या धन का दान करें। - महाकुंभ का लाइव प्रसारण देखें
यदि संभव हो, तो महाकुंभ के लाइव प्रसारण को देखें। उसमें भाग लेने वाले संत-महात्माओं के प्रवचन सुनें और उनसे प्रेरणा लें। - व्रत और सात्त्विक भोजन
इस दिन व्रत रखें और सात्त्विक भोजन करें। प्याज, लहसुन, और तामसिक पदार्थों से बचें। - आत्मशुद्धि और ध्यान
महाकुंभ आत्मशुद्धि और आत्मनिरीक्षण का पर्व है। दिन का कुछ समय कथा श्रवण, मंत्र जाप, नाम जप, ध्यान और योग में बिताएं। - श्रद्धा और पवित्रता
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपके मन में श्रद्धा और पवित्रता हो। शाही स्नान का महत्व शरीर की शुद्धता के साथ-साथ आत्मा की शुद्धि में भी है। इन चरणों का पालन करके आप घर पर ही महाकुंभ और शाही स्नान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
शाही स्नान की तारीखें:
- 13 जनवरी: पौष पूर्णिमा
- 14 जनवरी: मकर संक्रांति
- 29 जनवरी: मौनी अमावस्या
- 03 फरवरी: बसंत पंचमी
- 12 फरवरी: माघी पूर्णिमा
- 26 फरवरी: महाशिवरात्रि पर्व