विपक्ष द्वारा इसके विरोध के कारण इसके लागू होने में लग सकता है समय
नई दिल्ली,संवाददाता : ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक और एक अन्य विधेयक पर विचार के लिए सरकार ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया है, जिसमें 39 सदस्य होंगे। भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद भर्तृहरि महताब को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जेपीसी में लोकसभा से 27 और राज्यसभा से 12 सदस्य शामिल किए गए हैं। संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार रात इस समिति के गठन की घोषणा की। समिति का उद्देश्य विधेयक के सभी पहलुओं का गहराई से अध्ययन करना और इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करना है।
जेपीसी में ये सदस्य होंगे शामिल:
लोकसभा से भर्तृहरि महताब, पीपी. चौधरी, सीएम रमेश, बांसुरी स्वराज, परषोत्तमभाई रूपाला, अनुराग सिंह ठाकुर, विष्णु दयाल राम, संबित पात्रा, अनिल बलूनी, विष्णु दत्त शर्मा, बैजयंत पांडा, संजय जायसवाल, प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, सुखदेव भगत, धर्मेंद्र यादव, छोटेलाल, कल्याण बनर्जी, टी.एम. सेवा गणपति, हरीश बालयोगी, अनिल यशवंत देसाई, सुप्रिया सुले, श्रीकांत एकनाथ शिंदे, सांभवी, के. राधाकृष्णन, चंदन चौहान और बालशौरि वल्लभनेनी को शामिल किया गया है।
संविधान संशोधन विधेयक की मंजूरी
यह विधेयक 129वें संविधान (संशोधन) विधेयक के रूप में प्रस्तुत किया गया था, जिसे केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे पटल पर रखा, जबकि विपक्ष ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया। यह विधेयक “वन नेशन-वन इलेक्शन” का आधार तैयार करता है, जिससे पूरे देश में एक साथ लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव कराने की प्रक्रिया को संभव बनाया जा सकेगा। मोदी सरकार ने विपक्ष की प्रतिक्रिया और विधेयक के सभी पहलुओं पर गहन विचार करने के लिए इसे जेपीसी के पास भेजने का निर्णय लिया।
























