आज के दिन विवादित ढांचे को गिराने के बाद संवेदनशीलता को देखते हुए लिया गया निर्णय
अयोध्या, संवाददाताः छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचे को गिराने के बाद इस दिन संवेदनशीलता को देखते हुए ख़ासकर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है। इसके साथ प्रदेशभर के प्रमुख जिलों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। विशेष रूप से राम नगरी अयोध्या में कड़े पहरे के बीच धार्मिक आयोजन आयोजित किया जा रहा है। अयोध्या में पुलिस ने छह दिसंबर को हाई अलर्ट घोषित किया है। सीसी कैमरों और ड्रोन कैमरों की मदद से पूरे शहर की सख्त निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही, अयोध्या में प्रवेश करने वाले सभी मार्गों पर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। सिर्फ अयोध्या ही नहीं, बल्कि मेरठ में भी पुलिस ने प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की है। इनमें शिव चौक, हापुड़ अड्डा और बेगम उल सहित कई प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। इसके अतिरिक्त, मेरठ में लोकल इंटेलिजेंस इकाई (LIU) को सक्रिय किया गया है और सीसीटीवी, ड्रोन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है।
संभल में भी जुमा की नमाज को लेकर पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया है। संभल में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है और संवेदनशील इलाकों, जैसे कि जामा मस्जिद क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मथुरा में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। शहर के प्रमुख चौराहों पर पुलिस तैनात है और मथुरा के जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह ने धारा 163 लागू कर दी है, जो करीब 27 दिन के लिए प्रभावी रहेगी। छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में कारसेवकों ने विवादित ढांचे को गिरा दिया था, जिसके बाद देशभर में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे। इस दिन को देखते हुए सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं, खासकर अयोध्या में विवाह पंचमी के अवसर पर भगवान राम की बारात के आयोजन के चलते।